नई दिल्ली. एक जून से जीएसटी लागू करने के बाद केंद्र के सामने इसे लेकर फैल रहा कथित कुप्रचार सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। परेशान केंद्र सरकार ने अपने 200 टॉप अफसरों को इस कुप्रचार को रोकने के मिशन पर तैनात कर दिया है। इनमें से ज्यादा वित्तमंत्रालय के हैं। यह अधिकारी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जीएसटी पर लिखे जा रहे लेखों व रिपोट्स के साथ सोशल मीडिया पर की जा रही टिप्पणियों का न केवल विश्लेषण करेंगे बल्कि उन पर प्रतिक्रिया भी देंगे।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया मददगार
सरकार का मानना है कि भारत में जीएसटी को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ज्यादा मददगार रहा है। दुनिया यह जानने को उत्सुक है कि एक संघीय ढांचे वाला देश कैसे जीएसटी को लागू करता है?
पुराने लेखों का भी विश्लेषण
केंद्रीय अधिकारियों की टीम जीएसटी लागू होने से दो महीने पुराने लेख, खबरें, कार्टून, सोशल मीडिया पर चर्चित टिप्पणियों की भी समीक्षा करेगी।
कुप्रचार की पहचान
केंद्र सरकार ने नौ ऐसे मुद्दों की पहचान की है जिन्हें लेकर सबसे ज्यादा मिथक या कुप्रचार है। यह बिन्दु ट्रेनिंग सत्रों के दौरान भी सामने आए थे।
सबसे ज्यादा आलोचना यहां
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और बंगाल में सबसे ज्यादा आलोचना व कुप्रचार है। इसे लागू करने में सरकार की ‘अधूरी तैयारियों’ को लेकर विरोध है।
सीए ने बढ़ाई 30% तक फीस
जीएसटी लागू होने के बाद चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) और टैक्स सलाहकारों ने अपनी फीस में १५ से ३० प्रतिशत की वृद्धि कर दी है।
ये भी किया जा रहा
अखबारों व टेलीविजन में गलत जानकारियों को स्पष्ट करते हुए विज्ञापन
वीडियो बनाकर उन्हें सोशल साइट्स पर अपलोड करना।
ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर अधिकारियों की टीम सीधे जवाब देगी।
Home / Business / GST पर ‘अफवाह’ रोकने के लिए 200 अफसरों की फौज तैनात