पुलवामा हमले के बाद छीना MFN का दर्जा पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीन लिया, जो उसे 1995 में दिया गया था। एमएफएन एक आर्थिक दर्जा है जिसे दो देशों के बीच होने वाले ‘मुक्त व्यापार समझौते’ के तहत दिए जाने का प्रावधान है। कोई देश जिन किन्हीं देशों को यह दर्जा देता है, उस देश को उन सभी के साथ व्यापार की शर्तें एक जैसी रखनी होती हैं। एक दिन बाद ही भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सामानों पर आयात शुल्क को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के हमले में 14 फरवरी को 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
रिपोर्ट से मिली जानकारी डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा 200 फीसदी शुल्क लगाने का कोई ठोस फायदा नहीं होगा, क्योंकि पाकिस्तान सालाना कुछ लाख डॉलर्स मूल्य का निर्यात ही भारत को करता है। 2018-19 में जुलाई-जनवरी के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.069 अरब डॉलर से बढ़कर 1.122 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4.96 फीसदी अधिक है।
पिछले सात महीनों में बदली थी स्थिति मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों के आंकड़े दिखाते हैं कि कुल द्विपक्षीय व्यापार में 79.33 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में भारतीय निर्यात का है। 2018-19 में जुलाई से जनवरी के बीच पाकिस्तान ने भारत से कुल 89.005 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य का आयात किया, जो पिछले साल की समान अवधि में 87.171 करोड़ यूएस डॉलर था।
पाकिस्तान में आयात में आई गिरावट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को छोड़कर अन्य सभी देशों से पाकिस्तान में आयात में नाकारात्मक वृद्धि हुई है। 2017-18 में पाकिस्तान को भारतीय निर्यात पिछले साल की तुलना में 12.2 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत द्वारा एमएफएन का दर्जा छीने जाने पर पाकिस्तान के वाणिज्य सचिव यूनुस डाघा ने डॉन से कहा कि वाणिज्य विभाग अलग-अलग विकल्पों पर विचार कर रहा है। हालांकि, उन्होंने कोई ब्योरा नहीं दिया।