नर्इ दिल्ली। अमरीका से जारी व्यापारिक लड़ाई के बीच ट्रंप प्रशासन ने भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण (एसटीए-1) सूची में शामिल कर लिया है। सूची में शामिल होने के बाद अमरीका से उच्च तकनीकी सामरिक उत्पादों का लेन-देन आसानी से हो सकेगा। इस फैसले की घोषणा करते हुए अमरीकी वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस ने कहा कि अमरीका के निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की स्थिति में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। अमरीकी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित प्रथम इंडो-पैसेफिक बिजनस फोरम में रॉस ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत अमरीका के सुरक्षा और आर्थिक संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए उसे इस सूची में शामिल किया गया है।
सूची में शामिल देशों को फायदा
अमरीका की एसटीए-1 सूची में शामिल देशों को अमरीका से तकनीकी रूप से उन्नत और संवेदनशील तकनीक को खरीदने का रास्ता आसान हो गया है। इसके लिए उन्हें अमरीकी सरकार से आसानी से अनुमति मिलेगी। इस सूची में ऐसे देशों को शामिल किया जाता है जिनके साथ व्यापारिक संबंध अमरीकी दृष्टि में सुरक्षित माने जाते हैं।
दक्षिण एशिया से इकलौता देश
36 देशों की इस सूची में दक्षिण एशिया से भारत इकलौता देश है। अन्य एशियाई देशों में जापान और दक्षिण कोरिया भी इस सूची में हैं। इसमें अधिकतर नाटो देशों को रखा गया है। इससे समझा जा सकता है कि अमरीका के लिए भारत कितना महत्वपूर्ण सहयोगी है। बता दें कि अमरीका ने 2016 में ही भारत को प्रमुख सुरक्षा सहयोगी के रूप में मान्यता दिया था। इसके बाद उसने अब एसटीए-1 की सूची में शामिल कर लिया है।र्तों का उल्लंघन है।
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