Gold Silver Price Today: दो दिन की गिरावट के बाद महंगा हुआ सोना, जानिए आज क्या है 10 ग्राम सोने का भाव
सोने की शुद्धता जांचेंयदि आप सोना खरीद रहे हैं तो आंख बंद करके न खरीदें वरन पूरी तरह से आश्वस्त होकर ही खरीदारी करें कि आपके द्वारा खरीदा जा रहा सोना शुद्ध और खरा है। इसके लिए केवल एक ही कसौटी है, वो है हॉलमार्क गोल्ड (Hallmark Gold) खरीदना। हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन एक तरह से सोने की शुद्धता का सरकारी प्रमाणपत्र है जिसे द ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (The Bureau of Indian Standards (BIS)) द्वारा जारी किया जाता है।
आम तौर पर बाजार में सोने की दो वैरायटीज सर्वाधिक प्रचलित हैं, ये हैं (1) जेवराती सोना (2) 24 कैरट सोना। इन दोनों वैरायटीज में 24 कैरट गोल्ड सौ फीसदी खरा सोना माना जाता है, जिसकी कीमत भी अधिक होती है। जेवराती सोना जिसे 22 कैरट सोना भी कहा जाता है, सस्ता आता है। अत: आप यह भी सुनिश्चित कर लें कि आप कौनसा सोना खरीद रहे हैं। कई बार 24 कैरट की कीमत लेकर 22 कैरट या जेवराती सोना दे दिया जाता है। यदि आप हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी खरीदेंगे तो इस समस्या से बच सकते हैं।
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कभी भी रत्न-जड़ित जेवरात न खरीदेंज्वैलरी खरीदते समय यदि कोई बहुत बड़ी धोखाधड़ी होती है तो वो यह है कि ज्वैलरी में लगे स्टोन्स का वजन भी सोने के वजन में जोड़ लिया जाता है और 100 रुपए से लेकर 20,000 रुपए तक की कीमत वाले स्टोन्स के लिए भी आपको सोने के भाव के बराबर ही पैसे चुकाने पड़ते हैं, इसके अलावा स्टोन्स की कीमत भी अलग से ली जाती है। यानि स्टोन्स के वजन को भी गोल्ड के वजन में जोड़ कर आपसे चार्ज लिया जाता है। इसलिए जब स्टोन वाली ज्वैलरी खरीदें तो सोने का सही वजन अवश्य कराएं अन्यथा आपको सौदा बहुत महंगा पड़ सकता है और एमेथिस्ट, मोती एवं गोमेद जैसे सस्ते लेकिन हैवी स्टोन्स की कीमत सोने की कीमत के बराबर ही चुकानी पड़ती है। आप जब भी ज्वैलरी खरीदें तो सुनार से अवश्य पूछें कि उस ज्वैलरी में सोने का वजन कितना है और स्टोन्स का वजन कितना है। दोनों का कुल वजन उस ज्वैलरी के वजन के बराबर होना चाहिए। ऐसा करके ही आप इस तरह की धोखाधड़ी से खुद को बचा पाएंगे।
भारत के अधिकांश क्षेत्रों में अघोषित रूप से एक नियम चलता है कि आपने जिस ज्वैलर से गोल्ड या सिल्वर खरीदा है, यदि उसी को वापिस बेचेंगे तो वह आपको ज्यादा कीमत देगा, परन्तु उस ज्वैलरी को आप किसी दूसरे दुकानदार को देंगे तो वह कम कीमत देगा। अत: जब भी आपको किसी कारणवश ज्वैलरी बेचनी हो तो, कोशिश करें कि जो ज्वैलर आपको ज्यादा कीमत दे रहा हैं, उसी को बेचें ताकि आपको रिसेल में कम से कम घाटा हो।