उम्मीद - 2021 - अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टर को मिले आसानी से कर्ज
डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस की स्थापना की जाए ।
2021-2022 की दूसरी तिमाही से सामान्य स्थिति हो सकती है।

सरकार को अपने खर्चों के लिए बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के टिकाऊपन को प्राथमिकता देनी होगी। बजट में निजी निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए समर्थन जैसे मुद्दे हो सकते हैं। वहीं सरकार को शेयर बाजार के रास्ते अगले 12 महीनों में सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 फीसदी से नीचे लाना चाहिए। सिर्फ ३-४ बड़े बैंकों जैसे भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक को इससे मुक्त रखा जा सकता है। अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टर को कर्ज मुहैया करने के लिए एक डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन्स की स्थापना करनी चाहिए। छोटे कारोबारियों को पूंजी मिले, यह तय करना होगा।
हेल्थ सेक्टर पर ध्यान देना होगा -
2021-2022 की दूसरी तिमाही से सामान्य स्थिति हो सकती है। हेल्थ और मेडिकल सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत को इकनॉमी बूस्टर देने के लिए बदलाव चाहिए और बदलाव का वक्त अभी है। पिछले कुछ सालों से सरकारी खर्च पर निर्भरता बढ़ी है। प्राइवेट जगत को इसपर ध्यान देना होगा तभी विकास संभव है।
भारत पर ज्यादा भरोसा -
भारत में दुनियाभर की कंपनियों की रुचि है, उनका चीन की तुलना में भारत पर ज्यादा भरोसा है। उन्होंने कहा कि हमें वियतनाम जैसे छोटे देशों से भी मुकाबला करना होगा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर और आगे बढ़ाना होगा।
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