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अर्थव्‍यवस्‍था

वर्ल्‍ड बैंक ने बताया- भारत का GST सबसे जटिल टैक्स व्‍यवस्‍था

एक जुलार्इ 2017 को देश भर में लागू हुए वस्तु एवं सेवा (जीएसटी) को विश्व बैंक ने सबसे जटिल टैक्स व्यवस्था करार दिया है।
 

Mar 16, 2018 / 01:09 pm

manish ranjan

world bank
नर्इ दिल्ली। एक जुलार्इ 2017 को देश भर में लागू हुए वस्तु एवं सेवा (जीएसटी) को विश्व बैंक ने सबसे जटिल टैक्स व्यवस्था करार दिया है। विश्व बैंक ने ये बात अपने ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ रिपोर्ट में कहा है। विश्व बैंक के मुताबिक दुनिया के 115 देशों में भारत में टैक्स रेट सबसे उंचा है। ये वो देश है जहां जीएसटी या उससे मिलीजुली टैक्स व्यवस्था लागू है। विश्व बैंक ने ये रिपोर्ट 14 मार्च को जारी किया है। हालांकि विश्व बैंक इस बात की उम्मीद जतार्इ की भविष्य में इसके स्थिती में सुधार होगा। बैंक ने अपने रिपोर्ट ये भी कहा कि, भारत में जीएसटी के अंतर्गत टैक्स रेट की संख्या कम होनी चाहिए, कानूनी प्रावधान आैर प्रक्रियाआें को आैर अधिक सरल बनाने की आवश्यकता है।

इन देशों में जीएसटी की ये है हालत

देश में लागू जीएसटी को कुल पांच अलग-अलग स्लैब में बांटा गया हैं। ये स्लैब 0, 5, 12, 18 आैर 28 फीसदी के बनाए गए हैं। देश में बिकने वाले सभी वस्तुआें आैर सेवाआें को इन्ही स्लैब में रखा गया है। आपको ये भी बताते चलें की अभी भी कर्इ वस्तुआें आैर सेवाआें को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। जिन वस्तुआें आैर सेवाआें को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है उनमें अल्कोहल, पेट्रोलियम उत्पाद, रियल एस्टेट पर लगने वाला स्टांप ड्यूटी और बिजली बिल को शामिल है। इसके साथ ही साेने पर तीन फीसदी आैर कीमती पत्थरों पर 0.25 फीसदी टैक्स लगाया गया है। बाकी देशो में लागू जीएसटी की बात करें तो जीएसटी के तहत 49 देशों में एक स्लैब आैर 28 देशों में केवल दो ही स्लैब बनाए गए है। भारत के अलावा जिन चार देशों में जीएसटी के अंतर्गत पांच स्लैब बनाया गया है उनमें इटली, लक्जमबर्ग, पाकिस्तान, आैर घाना शामिल हैं। आपको बता दें कि इन सभी देशों की अर्थव्यवस्थाआें में अभी थोड़ी मंदी का दौर चल रहा है।

सरकार सुधार करने की लगातार कर रही कोशिश

सरकार ने पहले ये बात जरुर कहा था कि 12 आैर 18 फीसदी वाले टैक्स स्लैब को मिलाकर एक में शामिल कर दिया जाएगा। लेकिन ये तभी संभव हो पाएगा जब देश में टैक्स जमा करने में सुधार एवं राजस्व में वृद्धि होगा। जीएसटी काउंसिल लगातार अपनी बैठकों में कुछ अहम फैसले ले रही जिससे की जीएसटी को लेकर सहूलियत पैदा हो सके। पिछले साल नवंबर में ही जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए 228 वस्तुआें आैर सेवाआें को कम कर केवले 50 तक सीमित कर दिया था।

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