आपको मालूम हो कि दिसंबर 2017 के बाद बिकने वाली गाड़ियों में पहले से ही फास्टैग लगा हुआ है। और इसका इस्तेमाल फ्यूल पेमेंट, ई-चालान के पेमेंट, कार्यालयों और निवास पर पहुंच प्रबंधन जैसे कार्यों में किया जा सकता है।
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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि यह पायलट प्रोजेक्ट दो फेस में लॉन्च किया है। पहला चरण दरअसल एक नियंत्रित पायलट परीक्षण है, जिसके तहत केवल आईसीआईसीआई टैगों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। पायलट परियोजना के दूसरे चरण में सभी अन्य बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले टैगों को कवर किया जाएगा। एसबीआई, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी और आईडीएफसी बैकं ‘फास्टैग 2.0’ को लॉन्च करने के लिए मुंबई एवं बेंगलुरू स्थित हवाई अड्डों के अलावा कुछ शॉपिंग मॉल के शीर्ष अधिकारियों से भी बातचीत कर रहे हैं।
जीएसटी काउंसिल ने भी सभी कमर्शियल गाड़ियों पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है, जो 1 अप्रैल, 2020 से ई-वे बिल सृजित करना शुरू कर देंगे।
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