
SEO
अगर आप मौजूदा दौर में अच्छा कॅरियर बनाना चाहते हैं तो आप डिजिटल मार्केटिंग के फील्ड में नॉलेज प्राप्त करके तेजी से सफल हो सकते हैं। इस फील्ड में आगे बढऩे के लिए सबसे पहले आपको टेक्नोलॉजी में अपनी रुचि पैदा करनी होगी। जानते हैं डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया-
हर विद्यार्थी 12वीं कक्षा पास कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो, यह जरूरी नहीं है। कुछ विद्यार्थी बीए, बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए आदि भी करते हैं। ऐसे विद्यार्थी इन पाठ्यक्रमों के साथ वैल्यू एडेड प्रोग्राम करके अपने कॅरियर को और आकर्षक और लाभदायी बना सकते हैं। वैल्यू एडेड प्रोग्राम्स में डिजिटल मार्केटिंग एक उभरता हुआ आकर्षक कॅरियर है। विद्यार्थी इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से कर सकते हैं और डिजिटल मार्केटिंग में निपुण कर सकते हैं।
उपलब्ध क्षेत्र
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO)
जैसे ही आप गूगल या याहू या किसी अन्य सर्च इंजन पर कोई प्रश्न टाइप करते हैं तो अनेक विकल्प और संबंधित वेबसाइट आपके सामने आ जाती हैं। इनके क्रम को तय करने का काम एसईओ का होता है।
सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन (SMO)
सोशल नेटवर्किंग मंच से बिजनेस के प्रमोशन्स के लिए भी कोशिश की जाती हैं। क्या आप जानते हैं कि सोशल नेटवर्किंग पर केवल ब्लॉग लिखकर भी धन कमा सकते हैं। यह नया क्षेत्र है, पर तेजी से बढ़ रहा है।
डिजिटल मार्केटिंग की शुरुआत
डिजिटल मार्केटिंग में ब्लॉग पढ़ें।
शहर के डिजिटल मार्केटिंग कार्यक्रम, वर्कशॉप में भाग लें।
डिजिटल मार्केटिंग और न्यू मीडिया की कॉन्फ्रेंस में भाग लें।
खुद का ब्लॉग लिखना शुरू करें।
डिजिटल मार्केटिंग के लाभ
डिजिटल मार्केटिंग का क्षेत्र किसी एक रोजगार तक सीमित नहीं है और इसमें कई अवसर हैं। यह चयन उम्मीदवार को अपनी योग्यता को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए। डिजिटल मार्केटिंग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कह सकते हैं कि इसकी मांग बहुत अधिक है और मांग-आपूर्ति में इस बड़े अंतर का प्रभाव उनके वेतन पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
व्यक्तित्व की विशेषताएं
एसईओ और एसएमओ मैनेजर बनने के लिए इन खूबियों से लैस हो जाएं-
एचटीएमएल की अनिवार्यता :
एसईओ होने के लिए सबसे पहले एचटीएमएल (॥ञ्जरूरु) के काम को समझना जरूरी है। पेज बनाने आदि की जानकारी होना भी आवश्यक है।
बोलने और लिखने में श्रेष्ठ :
एक एसएमओ मैनेजर के लिए आवश्यक है कि वह बोलचाल में श्रेष्ठ हो। साथ ही वह सोशल मीडिया अभियान आसानी से चलाने में माहिर होना चाहिए।
कस्टमर्स की जरूरत को समझना : कस्टमर्स के मन को पढऩे और जरूरतों को जान लेने की काबिलियत होनी चाहिए है। सोशल मीडिया के प्रदर्शन को तीव्र करने के लिए कस्टमर्स की जरूरतों को समय रहते पहचान लेना जरूरी होता है।
क्रिएटिविटी : कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए नए तरीके सोचना और उन पर काम करना आवश्यक है। उसके पास ब्रांडिंग सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाने का भी अनुभव होना चाहिए।
कोमिक सेन्स : प्रतिदिन के सोशल मीडिया के काम में थोड़ी सी मौज मस्ती कमाल कर सकती है। इसलिए इन मैनेजर्स का कोमिक सेन्स अच्छा होना चाहिए, तभी काम में कुछ क्रिएटिविटी आ सकती है।
वेतन
डिजिटल मार्केटिंग में वेतन की कोई सीमा नहीं होती है। जैसे ही ट्रेनिंग और अनुभव मिलता है, वैसे ही आमदनी बढ़ती जाती है। प्रशिक्षण की अवधि में 15 हजार से लेकर 40 हजार रुपए के बीच आमदनी हो सकती है। कुछ वर्ष बाद आप अपना खुद का ऑफिस भी आरंभ कर सकते हैं।
कार्य के अवसर
यह सर्टिफिकेशन कोर्स सिम्पलीलर्न (स्द्बद्वश्चद्यद्बद्यद्गड्डह्म्ठ्ठ), कोर्सइरा (ष्टशह्वह्म्ह्यद्गह्म्ड्ड), एडक्स (श्वस्र3), अपग्रेड:एमआईसीए (श्चद्दह्म्ड्डस्रद्ग:रूढ्ढष्ट्र), डिजिटल विद्या (ष्ठद्बद्दद्बह्लड्डद्य ङ्कद्बस्रद्ध4ड्ड), एडूप्रिस्टिन (श्वस्रह्व क्कह्म्द्बह्यह्लद्बठ्ठद्ग) में है। सोशल मीडिया मैनेजर, एसईओ मैनेजर, कंटेंट डवलपर, एसईओ कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं।
पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिए खास डिग्री नहीं चाहिए। एचटीएमएल और इंटरनेट की समझ जरूरी है। एसईओ में ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स होते हैं। ये प्रोग्राम्स एचटीएमएल, टैग, मेटाटैग, ब्लॉग, कीवर्ड रिसर्च, साइट एनालिसिस, सोशल बुकमार्किंग, गूगल एडवर्ड और यूट्यूब मार्केटिंग आदि सिखाते हैं।
Published on:
01 Jul 2018 01:15 pm
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