
Graphic Designing
ग्राफिक डिजाइनिंग टाइपोग्राफी, फोटोग्राफी और इलस्ट्रेशन का इस्तेमाल करते हुए विजुअल कम्यूनिकेशन और कम्यूनिकेशन डिजाइन की मिली-जुली प्रक्रिया है। ग्राफिक डिजाइनर विचारों और संदेशों को कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर या हाथ से संकेतों, चित्रों और शब्दों के सहारे दिखाता है। आमतौर पर ग्राफिक डिजाइन का उपयोग कॉर्पोरेट डिजाइन (लोगो और ब्रांडिंग), संपादकीय डिजाइन (पत्रिकाएं, अखबार और पुस्तकें), पर्यावरणीय डिजाइन, विज्ञापन, ब्रोशर्स, कॉर्पोरेट रिपोर्ट, वेब डिजाइन, कम्यूनिकेशन डिजाइन, उत्पादों की पैकेजिंग और साइनिज में किया जाता है। ग्राफिक डिजाइन उत्पादों की मार्केटिंग और उन्हें बेचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्राफिक डिजाइनर द्वारा तैयार किए गए अच्छे डिजाइन से प्रोडक्ट की शानदार मार्केटिंग की जा सकती है।
नेचर ऑफ वर्क
ग्राफिक डिजाइनर्स को नए सॉफ्टवेयर्स और कम्प्यूटर तकनीक की ताजा जानकारी होनी चाहिए, जिससे वे प्रतिस्पर्धा में बने रहें। डिजाइनर्स में द एडोब क्रिएटिव सूइट सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आपको कम से कम इन तीन सॉफ्टवेयर्स में महारत हासिल होनी चाहिए- फोटोशॉप, इनडिजाइन और इलस्ट्रेटर। हर डिजाइनर को पता है कि इलस्ट्रेटर का उपयोग लोगो डिजाइनिंग और वेक्टर ग्राफिक्स के लिए, फोटोशॉप का इमेज एडिटिंग और वेब डिजाइन के लिए तथा इनडिजाइन का प्रिंट के लिए किया जाता है। डिजाइनर का क्रिएटिव होना बहुत जरूरी है, तभी वह सफलता प्राप्त कर सकता है। क्रिएटिविटी के लिए लगातार अभ्यास जरूरी है।
वेतन क्याा होगा
ग्राफिक डिजाइनर का वेतन पूरी तरह उसके हुनर और अनुभव पर निर्भर करता है। वैसे एक अनुमान के अनुसार एक ग्राफिक डिजाइनर के कॅरियर की शुरुआत 20 हजार रुपए प्रतिमाह से हो जाती है, जबकि वरिष्ठ ग्राफिक डिजाइनर 70 हजार रुपए प्रतिमाह तक कमा लेते हैं। यह वेतन व्यक्ति, कंपनी और स्थान पर निर्भर करता है। इसमें धीरे-धीरे इजाफा होता है।
कहां-कहां हैं अवसर
इनके अवसर विशेष डिजाइन सेवाओं, विज्ञापन, जन संपर्क और संबंधित सेवाओं, समाचार पत्र, पत्रिकाओं, पुस्तकों और निर्देशिकाओं के प्रकाशकों तथा प्रिंटिंग और उससे संबंधित सहायक गतिविधियों और थोक व्यापार में निकलते हैं। ग्राफिक डिजाइन के एक्सपट्र्स डिजाइन स्कूल्स, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ाते भी हैं। कुछ स्वतंत्र रूप से इस काम को करते हैं, पर जो विशेषज्ञता प्राप्त ग्राफिक डिजाइन फर्म में काम करते हैं, वे आम तौर पर डिजाइन टीम का हिस्सा होते हैं। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2024 तक कम्प्यूटर सिस्टम डिजाइन और संबंधित सेवाओं में ग्राफिक डिजाइनर्स के रोजगार में 21 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है। इंटरनेट के बढ़ते हुए इस्तेमाल में कंपनियां अपनी डिजिटल मौजूदगी को बढ़ाने में जुटी हुई हैं और ग्राफिक डिजाइनर्स को वेबसाइट्स के प्रभावी लेआउट बनाने का जिम्मा दिया जा रहा है। इस फील्ड में आपको आगे बढऩे के कई अवसर मिलते हैं।
शैक्षणिक योग्यता
जहां तक शैक्षणिक योग्यता का सवाल है, इसमें नौकरी पाने के लिए ग्राफिक डिजाइन या संबंधित क्षेत्र में स्नातक की जरूरत होती है। हालांकि किसी भी क्षेत्र के स्नातक छात्र ग्राफिक डिजाइन में तकनीकी प्रशिक्षण हासिल कर कॅरियर शुरू कर सकते हैं। ग्राफिक डिजाइनिंग कला और तकनीक का मिला-जुला रूप है, इसलिए कला में डिग्री-डिप्लोमा हासिल कर चुके छात्र इसका केवल छह महीने का कोर्स कर अच्छा पैसा और नाम कमा रहे हैं। वैसे 12वीं के बाद भी इस कोर्स को कर सकते हैं। आजकल उद्योग की वर्तमान जरूरतों पर आधारित प्रोजेक्ट्स से ग्राफिक डिजाइनिंग पढ़ाया जाता है।
किस तरह का हो कौशल
ग्राफिक डिजाइनर में विश्लेषण क्षमता, कलात्मक गुण, संवाद कौशल, कम्प्यूटर में महारत, रचनात्मकता और समय-प्रबंधन की क्षमता होनी चाहिए।
प्रमुख संस्थान
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
www.nid.edu
आईडीसी, आईआईटी बॉम्बे
www.idc.iitb.ac.in
सर जेजे स्कूल ऑफ अप्लाइड आर्ट, मुंबई
www.jjiaa.org
दिल्ली कोलाज ऑफ आर्ट, नई दिल्ली
www.delhicollageofart.com
Published on:
09 Nov 2017 10:33 pm
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