जहां कांग्रेस प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के रूख पर भरोसा कर रही है वहीं आम आदमी पार्टी वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बहुत दूर रह जाने और बाद के लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव भी बुरी तरह हार जाने के कारण चुनाव पूर्व गठबंधन के प्रयास कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल में टूट के साथ बने अकाली दल-टकसाली एवं आम आदमी पार्टी चुनाव पूर्व गठबंधन के बहुत करीब है। पंजाब डेमोक्रेटिक एलायंस और अकाली दल-टकसाली के बीच भी गठबंधन के लिए वार्ता हुई लेकिन सीटों के बटवारे पर सहमति न बन पाने के कारण वार्ता विफल रही।
पंजाब डेमोक्रेटिक एलायंस के साथ गठबंधन न होने पर आम आदमी पार्टी व अकाली दल-टकसाली के बीच गठबंधन लगभग तय हो गया है। जल्दी ही दोंनों दल सीटों के बटवारे का औपचारिक ऐलान करेंगे। उधर पंजाब डेमोक्रेटिक एलायंस में आम आदमी पार्टी से बगावत के बाद अपनी अलग पार्टी का गठन करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा की पंजाबी एकता पार्टी,बहुजन समाज पार्टी,पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में रही लोक इंसाफ पार्टी,पटियाला से आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ धर्मवीर गांधी का पंजाब मंच शामिल है। अकाली दल-टकसाली के साथ गठबंधन न हो पाने पर एलायंस के घटक दल सीटों का बटवारा कर लोकसभा चुनाव लडने की तैयारी में है।
उधर कांग्रेस आला कमान प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के रूख पर भरोसा कर रहा है। कैप्टेन अमरिंदर सिंह सीमावर्ती पंजाब के मुख्यमंत्री होने के नाते पडौसी देश पाकिस्तान की आतंकवाद पोषक नीतियों की कडी आलोचना करने के साथ भारतीय सेनाओं द्वारा मुंहतोड जवाब देने की चेतावनी भी देते रहे है। हाल में पाकिस्तान के साथ तनाव पैदा होने पर कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने सीमा क्षेत्र के गांवों का दौरा किया और नागरिकों का मनोबल बढाने के साथ-साथ सेना और पुलिस के जवानों का मनोबल बढाने का भी प्रयास किया। कांग्रेस आला कमान मुख्यमंत्री के इन कदमों को सकारात्मक मानते हुए पार्टी की स्थिति मजबूत मान रहा है।