खेतों में ज्यादा पानी भरने के कारण सब्जी की फसलें खेतों में ही गलने लगी है और ना ही पानी के कारण किसान अपनी फसलों को निकाल कर बाजार तक पहुंचा पा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में ज्यादातर सड़कें टूट चुकी है। इसके चलते रास्ते बाधित हो चुके हैं। लिहाजा ठंडे इलाकों से आने वाली मौसमी सब्जी की फसलें मंडियों में नहीं पहुंच रही हैं। इसके चलते सब्जी के दामों में डेढ़ से 2 गुना उछाल आ गया है। हिमाचल प्रदेश से मटर की सप्लाई पूरी तरह से बंद होने के कारण मंडी में मटर के दाम 180 रूपए किलो तक पहुंच गया है। इसके अलावा तमाम दूसरी सब्जियां डेढ़ से दोगुने दामों पर पहुंच गई है। इससे आम लोगों का बजट बिगड़ने लगा है। आने वाले दिनों में भी सब्जी के दामों में उछाल जारी रहेगा, क्योंकि ज्यादातर फसलें खेतों में बर्बाद हो चुकी हैं या फिर सप्लाई सुचारू नहीं हो पा रही है। चंडीगढ़ की सब्जी मंडियों में इसका असर साफ दिखाई दे रहा है।
चंडीगढ में सब्जियों के बढे हुए दामों पर नजर डाली जाए तो मटर-180रूपए किलो, भिंडी-60 रूपए किलो, अरबी-60रूपए,टिंडा-70रूपए,शिमलामिर्च-70रूपए,गोभी-70रूपए,गाजर-50रूपये,घीया-50रूपए,तोरई-50रूपए,मूली-50रूपए,फ्राँसबीन-60रूपए,टमाटर-40रूपए व आलू- 30रूपए किलो हो गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि ये दाम वर्षा के पहले से डेढ से दो गुना तक बढे हुए है। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की मंडियों में भी कमोवेश सब्जियों के यही भाव है।