दुनिया के देश हो रहे शाकाहारी
फोब्र्स के हालिया अध्ययन के अनुसार दुनिया के 10 देश मांसाहार छोड़कर शाकाहार की तरफ बढ़ रहे हैं। अमरीका में बीते 2 साल में 600 फीसदी शाकाहारी बढ़े हैं। ब्रिटेन में शाकाहारी खाद्य पदार्थों की मांग 1000 फीसदी बढ़ी है। पोलैंड में दो साल में शाकाहारी रेस्तरां 700 से बढ़कर 950 हो गए हैं। कनाडा में 4000, थाईलैंड में 1500, इजऱाइल में 700 तो ऑस्ट्रेलिया में इस समय 5000 से अधिक शाकाहारी रेस्तरां हैं। जर्मनी, सिंगापुर, ताइवान व अन्य देशों में भी शाकाहारी लोग तेजी से बढ़ रहे हैं।
शकाहार से क्या हैं फायदे
– बच्चों का 18 फीसदी तक तेज दिमाग
– महिलाओं में ८ फीसदी कम गर्भपात
– कैंसर का खतरा 12 फीसदी कम
– हृदय रोग का खतरा 40 फीसदी कम
– टाइप 2 मधुमेह 50 फीसदी तक कम
– शाकाहार वजन घटाने में दोगुना प्रभावी
– पुरुष 10 तो महिलाएं 6 साल ज्यादा जिएंगी
– शाकाहार से 73 लाख की जिंदगियां बचेंगी
– ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन में 63 फीसदी कम
– सालाना 1 अरब डॉलर की वैश्विक बचत
किस समुदाय के कितने लोग शाकाहारी
समुदाय शाकाहारी (फीसदी)
जैन 92
सिख 59
हिंदू 44
बौद्ध 25
ईसाई 10
मुस्लिम 08
स्रोत : प्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट (2022)
बड़े शहरों में कितने लोग शाकाहारी
शहर लोग (प्रतिशत)
जयपुर 62
इंदौर 49
भोपाल 42
मेरठ 36
रायपुर 32
दिल्ली 30
नागपुर 22
मुंबई 18
हैदराबाद 11
चेन्नई 6
कोलकाता 4
स्रोत : प्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट (2022)
भारत के शीर्ष 10 वेजिटेरियन राज्य
राज्य शाकाहारी (फीसदी)
राजस्थान 74.9
हरियाणा 69.2
पंजाब 66.7
गुजरात 60.9
मध्य प्रदेश 50.6
उत्तर प्रदेश 47.1
महाराष्ट्र 40.2
दिल्ली 39.5
कर्नाटक 21.0
छत्तीसगढ़ 17.9
स्रोत : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे
बीमारियों से बचाता है शाकाहार
देश में बढ़ता मांसाहार तमाम बीमारियों की बड़ी वजह है। शाकाहारी भोजन में वे सभी जरूरी तत्व होते हैं जो शरीर और दिमाग के लिए जरूरी हैं। विदेशों में लोग मांसाहारी भोजन भी हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ करते हैं और स्वस्थ रहते हैं, जबकि भारत में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है।
– अनुराधा सूदन, चर्चित डॉयटीशियन, नई दिल्ली
शाकाहार प्राकृतिक भोजन
शाकाहार या मांसाहार निजी च्वाइस है। शाकाहारी भोजन प्रकृति से जुड़ा है। साग-सब्जियां, मोटे अनाज हमारे शरीर, पाचन प्रणाली को ठीक रखते हैं। एनिमल प्रोटीन या फैट अनावश्यक है। इसकी वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं। तन-मन चंगा रखने के लिए सात्विक भोजन जरूरी है।
– डॉ. हरीश शेट्टी, चर्चित मनोचिकित्सक, मुंबई