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चेन्नई

पत्रकार विकास पथ के प्रदर्शक बनें : राज्यपाल

‘समाज जिन स्तंभों पर निर्भर रहता है उनमें पत्रकारों की भी अहम भूमिका है। एक पत्रकार का कार्य वैविध्यपूर्ण होता है। उसे तब ही संतुष्टि मिलती है जब

चेन्नईJan 19, 2019 / 11:57 pm

मुकेश शर्मा

Governor Banwari Lal

Governor Banwari Lal

चेन्नई।‘समाज जिन स्तंभों पर निर्भर रहता है उनमें पत्रकारों की भी अहम भूमिका है। एक पत्रकार का कार्य वैविध्यपूर्ण होता है। उसे तब ही संतुष्टि मिलती है जब उसका मिशन पूरा हो जाता है। हमारा मिशन राष्ट्र चरित्र निर्माण और अभिव्यक्ति में हमें जनमैत्री होना चाहिए। हमें विकास पथ का प्रदर्शक बनना चाहिए।’

यहां शनिवार को एक होटल में तमिल लॉ जर्नल सट्ट कदिर की रजत जयंती समारोह को राज्यपाल बनवारीलाल ने संबोधित करते हुए उक्त विचार रखे।उन्होंने बताया कि १९७५ में अधीनस्थ कोर्ट में तमिल भाषा का न्यायिक सुनवाई और प्रक्रिया में प्रवेश हुआ।

तमिल में ही फैसला लिखे जाने की व्यवस्था शुरू की गई। फिर सरकार ने नीतिगत निर्णय लेते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हाईकोर्ट की भाषा भी तमिल की जाए। इस दौरान यह अनुभव किया गया कि लॉ जर्नल का प्रकाशन जरूरी है ताकि विधि विद्यार्थियों, वकीलों तथा आमजन को न्यायिक शब्दावली से अवगत कराया जा सके, लिहाजा १९९२ में सट्ट कदिर का प्रकाशन शुरू हुआ। फिर २००३ में वेबसाइट शुरू की गई।

राज्यपाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद ३४८ के तहत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बहस और न्यायिक प्रक्रिया के लिए अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग होगा। ऐसे में कानूनी अंग्रेजी का सटीक और सारयुक्त तमिल अनुवाद बिना किसी त्रुटि के करना आसान कार्य नहीं है। इसी वजह से कानूनी फैसलों, सुनवाई और बहस से जुड़ी सूचनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए इस जर्नल की प्रसार संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज डा. ए. आर. लक्ष्मणन, सट्ट कदिर के संपादक डा. वी. आर. एस. सम्पत, जस्टिस आर. महादेवन, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस सी. टी. सेल्वम व अन्य उपस्थित थे।

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