केंद्रशासित प्रदेश में पिछले दिनों काफी उलटफेर हुआ। दो दिनों में दो विधायकों ने इस्तीफा दिया तो उपराज्यपाल किरण बेदी को भी हटा दिया गया। एक महीने में चार सदस्यों के कांग्रेस और विधायक पद छोडऩे से सरकार अल्पमत में आ गई। ऐसे में मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को २२ फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण करना होगा।
स्पीकर का मत होगा निर्णायक
उपराज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद तमिलइसै सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि वे २२ फरवरी शाम ५ बजे विधानसभा में बहुमत साबित करें। १६ फरवरी को कामराज नगर से विधायक ए. जॉन के इस्तीफे से कांग्रेस सरकार ने बहुमत गंवा दिया। यह वाकया तब हुआ जब अगले दिन राहुल गांधी पुदुचेरी आने वाले थे। गणित के हिसाब से कांग्रेस के अब दस विधायक हैं। उसे डीएमके के तीन और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन है। प्रमुख विपक्षी एआइएनआर कांग्रेस के ७ सदस्यों और भाजपा के तीन नामित सदस्यों के साथ विपक्ष के पास भी १४ सदस्य हैं। मुख्यमंत्री बहुमत होने का दावा कर चुके हैं। लेकिन सत्ता और विपक्ष के समान मत होने की दशा में स्पीकर का मत निर्णायक होगा।