कांचीपुरम निवासी दिव्या रानी नामक एक छात्रा, जिसने नीट परीक्षा लिखा है, ने बताया कि उसे हेल्पलाइन के माध्यम से कॉल आया और सलाहकारों ने उसे स्वस्थ और तनाव मुक्त रहने के कई टिप्स दिए। उन लोगों ने मुझे कहा कि नीट के परिणाम को लेकर मुझे चिंता नहीं करनी चाहिए। हमने उस परीक्षा को लिखा वही हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। इस बात के लिए मुझे बधाई भी दी गई। इसके अलावा मेरे कक्षा के कई अन्य छात्रों को भी परामर्श कॉल किया गया था। वास्तव में सरकार की यह पहल बेहद अच्छी है।
-40 प्रतिशत विद्यार्थियों को फेल होने का डर
चेन्नई में हेल्पलाइन सेंटर के एक काउंसलर ने बताया कि हेल्पलाइन लांच होने के बाद से अब तक काफी बड़ी संख्या में नीट छात्रों से बात की गई है और उनमें से 40 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्हें यकिन है कि वे परीक्षा में फेल होंगे। जिसके बाद सभी को परामर्श देकर समझाया गया कि अगर वे पास नहीं होते हैं तो उन्हें फिर से मौका मिलेगा और उनके पास अन्य कैरियर विकल्प भी हैं। काफी विद्यार्थियों ने कहा कि उनके परिणाम से उनके अभिभावक खुश नहीं होंगे और यही हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
कार्तिक नामक एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी को हेल्पलाइन से कॉल आया था और अब उसका आधा से ज्यादा तनाव दूर हो गया है। यह पहल उम्मीद से कई गुना बेहतर है और इसके लिए मैं राज्य के स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करता हूं। इस पहल की वजह से ही मेरी बेटी अब सामान्य हुई है।
चेन्नई के दीपक नामक छात्र ने बताया कि उसे भी कॉल आया था और अब उसे भी काफी अच्छा महसूूूस हो रहा है। उसने दूसरी बार परीक्षा लिखा है और इस बार भी डर लग रहा था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सब सही हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि तीन परीक्षार्थियों के आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद मंत्री ने छात्रों के लिए भावनात्मक परामर्श और मदद के लिए हेल्पलाइन शुरू की थी। यहां अवसाद से पीडि़त किसी भी छात्र से मदद का आश्वासन देते हुए मनोचिकित्सक से बात करने के लिए 104 टोल-फ्री लाइन पर कॉल करने का आग्रह किया गया है। सरकार ने सिर्फ चेन्नई के लिए 40 मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक नियुक्त किए हैं।