गौरतलब है कि चालीस साल में एक बार भगवान अत्तिवरदर की मूर्ति के दर्शन होते हैं। मंदिर के अनंत सरोवर में रखी इस मूर्ति को २८ जून को निकाला गया था और एक जुलाई से भगवान के दर्शन आरंभ हुए।
अत्तिवरदर के दर्श करने देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांचीपुरम पहुंच रहे हैं। अत्यधिक भीड़ की वजह से सौ से अधिक लोग अचेत हो गए। उल्लेखनीय है कि मंदिर के भीतर पेयजल के पुख्ता उपाय नहीं है।
इस कड़ी में दर्शन के लिए खड़े हजारों भक्तों को जब एक साथ छोड़ा गया। इस दौरान चेन्नई के आवड़ी निवासी शांति उर्फ नारायणी, ट्रिप्लीकेन निवासी नटराजन, आंध्रप्रदेश की गुंटूर निवासी गंगालक्ष्मी व सेलम के आनंदवेल की दम घुटने से मौत हो गई। कर्नाटक के रामकृष्णन की हालत चिंताजनक बताई गई है जिनका सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है।