पुलिस को दिए बयान में हत्यारोपी डेवि कुमार ने बताया कि वह आरटीओ ऑफिस के पास लाइसेंस दिलाने वाले एजेंट के यहां नौकरी करता है। उसकी पत्नी का नाम महालक्ष्मी है। उसकी दो बेटियां जयसत्या और जेसिका रानी थी जिसे उसने कुएं में फेंक दिया। जयसत्या ५वीं और जेसिका तीसरी कक्षा में पढ़ रही थी।
पुलिस ने बताया कि कम आय की वजह से उसने कई लोगों से उधार ले लिया और बाद में नहीं चुका पाने की वजह से परेशान हो गया। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने से दोनों बेटियां घर में थी। कर्ज के दबाव में उसके सोचने की क्षमता जवाब दे गई।
वह बेटियों को घुमाने के नाम पर गुरुवार सुबह बाइक में बिठाकर ले गया। बेटियां पम्पसैट पर नहाने का सुन खुश थी लेकिन उनको नहीं पता था कि बाप के इरादे नेक नहीं थे।
वह उनके साथ वेलायुदम-सात्तूर रोड स्थित एक निजी फार्म हाउस पर गया। वहां डेवि कुमार ने दोनों बेटियों को कुएं में फेंक दिया और खुद भी कूद गया। पिता से बचाने की चीख-पुकार करती बेटियों को देख उसका मन बदला। उसने दोनों को बचाने की कोशिश की लेकिन पानी ज्यादा होने की वजह से दोनों की वहीं मौत हो गई। बेटियों के मर जाने के बाद वह रस्सी के सहारे बाहर आ गया और अपने एक मित्र को मोबाइल पर खबर देकर घने जंगल में जा छिपा।
ईस्ट कोविलपट्टी पुलिस को इसकी खबर दी गई। डीएसपी जबराज की अगुवाई में एक टीम ने कुएं से दोनों शव बरामद किए। सहायक कलक्टर विजया और तहसीलदार मणिकंठन के सामने अग्निशमन विभाग के जवानों ने दोनों शव कुएं से निकाले।
शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद पुलिस ने डेवि कुमार को खोजना शुरू किया। उसके तोटीलोवनपट्टी जंगल में छिपे होने की भनक लगने के पहले ही डेवि कुमार ने खुद को वीएओ अमराज के हवाले कर दिया।
अमराज ने पुलिस को खबर कर उसे गिरफ्तार कराया। ईस्ट कोविलपट्टी पुलिस ने बेटियों की हत्या के आरोप में उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।