script…ऐसी मदद ना लें, जिसका धन्यवाद हो जाए भारी… | Names of companies should removed from the police station nameplate | Patrika News
चेन्नई

…ऐसी मदद ना लें, जिसका धन्यवाद हो जाए भारी…

थानों के नामपट्ट से कंपनियों के नाम हटाए जाएं चेन्नई. किसी भी थाने में प्रवेश करते ही वहां फ्लेक्स, नेम प्लेट या बोर्ड के रूप में होता है वहां आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि अधिकांश थानों में पहचान के रूप में वहां लगे इस बोर्ड या फ्लेक्स में किसी का नाम या संस्था का नाम भी होता है । आखिर क्यों? पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर ऐतराज जताया है और कहा है कि ऐसे बोर्ड लगाने के लिए किसी की मदद लेने के बजाय थाना अग्रिम राशि ले सकता है।

चेन्नईSep 19, 2021 / 07:34 pm

satyendra porwal

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…ऐसी मदद ना लें, जिसका धन्यवाद हो जाए भारी…

– डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने दिया आदेश
तमिलनाडु पुलिस के लॉ एंड ऑर्डर डीजीपी डी. शैलेंद्र बाबू ने तमिलनाडु में पुलिस थानों के नामपट्ट से निजी कंपनियों के नाम हटाने का आदेश जारी किया है। तमिलनाडु के कई पुलिस थानों में निजी कंपनियों की मदद से बोर्ड लगाया जाता है। जो कंपनियां बोर्ड लगाने में सहयोग करती हैं वे अपना नाम भी उसमें जोड़ देती हैं।
इस संदर्भ में तमिलनाडु पुलिस के कानून व्यवस्था डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने शुक्रवार को तमिलनाडु पुलिस के सभी नगर आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को सर्कुलर भेजा है। सर्कुलर के अनुसार कुछ पुलिस थानों की नेम प्लेट पर निजी कंपनी के नाम होते हैं। इससे लोगों में गलतफहमी पैदा होगी। ऐसे विज्ञापन वाले थाने के नामपट्ट को हटाकर केवल कोतवाली के नाम वाली नेम प्लेट प्रतिस्थापित की जाए। इसके लिए संबंधित थाना अग्रिम राशि ले सकता है।
आर्थिक मदद के बहाने लाभ भी
थानों में निजी कंपनियों की मदद से जो बोर्ड लगाए जाते हैं। उनमें कई बार कंपनियां बोर्ड लगाने में सहयोग करने के साथ-साथ सौजन्य से या बोर्ड में एक तरफ प्रभावी तरीके से प्रदर्शित करते हुए अपना नाम, संस्था का नाम या ऐसा सांकेतिक प्रयोग भी कर देते हैं, जो उनका खुद का प्रचार व पुलिस का अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव दिखाई देता है।

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