स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री को या तो उनसे फोन पर बात करनी चाहिए या मंत्रियों को समझाने के लिए भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शिवकाशी में सिर्फ हरे पटाखों का ही निर्माण होता है। पहले राजस्थान में भी यह प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन अब राजस्थान ने प्रतिबंध को हटा दिया है।
अन्य राज्यों को भी प्रतिबंध हटाने के लिए आग्रह करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पटाखा निर्माण उद्योग में सक्रिय करीब आठ लाख कामगारों की दुहाई देते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राजस्थान सहित चार राज्यों से आग्रह किया था कि वे आतिशबाजी की बिक्री पर लगाई पाबंदी पर फिर विचार करें। स्टालिन ने राजस्थान, दिल्ली, ओडिशा और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को इस सिलसिले में पत्र लिखा था।
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई थी कि अन्य राज्यों ने भी इस तरह का बंद घोषित किया तो पटाखा इंडस्ट्री पर ताला लग जाएगा और 8 लाख लोगों की रोजी छिन जाएगी। आपको यह पता होगा कि दिवाली पर पटाखे जलाने की परम्परा रही है। ऐसे में पर्यावरण, आजीविका और लोक स्वास्थ्य के बीच साम्य वाली नीति को अपनाया जाना चाहिए। उनका आग्रह है कि पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रोक के निर्णय पर फिर से विचार किया जाए। जिसके बाद राजस्थान ने प्रतिबंध को हटा दिया।