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चेन्नई

पत्रिका लोकतंत्र का उत्सव: मूलभूत समस्याएं ही बन गई हैं मुद्दा, जो करेगा काम,  उसकी होगी कुर्सी

– राजस्थान पत्रिका का प्रवासियों से संवाद सेतु- महानगर में प्रवासियों ने बताई अपने मन की बात
 

चेन्नईNov 15, 2023 / 03:57 pm

PURUSHOTTAM REDDY

पत्रिका लोकतंत्र का उत्सव: मूलभूत समस्याएं ही बन गई हैं मुद्दा, जो करेगा काम,  उसकी होगी कुर्सी

पत्रिका लोकतंत्र का उत्सव: मूलभूत समस्याएं ही बन गई हैं मुद्दा, जो करेगा काम,  उसकी होगी कुर्सी

चेन्नई.

राजस्थान में चुनावी बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। चुनाव नजदीक आते की चेन्नई में बसे प्रवासियों की अपने पैतृक गांव में विकास की उम्मीदें परवान चढऩे लगी हैं। मंगलवार को राजस्थान पत्रिका ने क्रोमपेट में प्रवासी लोगों से परिचर्चा की। इस बार चुनाव में कैसी सरकार हो, कैसा प्रत्याशी हो, इस पर लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। परिचर्चा में मौजदू प्रवासियों ने कहा मूलभूत समस्याओं के समाधान का वादा करने वाले प्रत्याशी को ही मतदान किया जाएगा। अवसरवादी नेताओं को सबक देने की भी बात कही। बिजली, सडक़, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या झेल रहे लोगों ने इन्हें ही अपडेट करने की आवश्यकता जताई। प्रवासियों ने अपनी जरुरतों और सुविधाओं के बारे में बताया। साथ ही साथ ये भी बताया कि उनको कैसा जनप्रतिनिधि चाहिए।

इनका कहना है-

मूलभूत समस्याओं को पूरा करें

मूलभूत समस्याएं बिजली, पानी और सडक़ आदि का समाधान करने के साथ ही बच्चों के खेलने के लिए अच्छा प्लेग्राउंड, पार्क और अच्छे स्कूल होने चाहिए।

– मोहनलाल बलघट (जवाली गांव-पाली जिला)

उद्योग के नाम पर आश्वासन की मरहम

इस चुनाव में उद्योग जगत अपनी समस्याओं का समाधान तलाश रहा है। प्रदेश में ऐसी सरकार आए जो औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे व रोजगार के अवसर पैदा करे। ऐसे नेता जीत कर आएं, जो उद्योग फ्रेंडली हों और जिन्हें औद्योगिक विकास की चिंता हो।

अशोक कुमार बोहरा (बार गांव- पाली जिला)

पीने के पानी की समस्या दूर करे

चुनकर जो भी विधायक आए वह पीने के पानी की किल्लत समेत अनेक समस्याओं का समाधान करने वाला होना चाहिए। हम कई सालों से स्वच्छ पानी के लिए तरसते रहें है।

– अशोक कुमार गूंदेचा (सोजत रोड- पाली जिला)

गांव के विकास पर ध्यान देने की जरूरत

चुनी हुई सरकार को गांव के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। हमारे गांव में न बेहतर सडक़ें हैं, न पानी की व्यवस्था, न बिजली और न ही अच्छे स्कूल-कॉलेज एवं अस्पताल है।

– नवरतनमल खारीवाल (मालकोसनी गांव- जोधपुर जिला)

नेक, र्नमानदार प्रत्याशी चाहिए

जनप्रतिनिधि गरीबों की सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान करने वाला होना चाहिए। जहां हर पांच सालों में नेता वहां वोट मांगने पहुंचते जरूर हैं। चुनाव जीतकर उस गांव की ओर मुडकऱ देखना भी जरूरी नहीं समझते।

– नगीन छल्लानी (बोरुंदा गांव- जोधपुर जिला)

कामगार पलायन को न हों मजबूर

यहां नहर नहीं होने से किसान एक फसल की उपज ले पा रहे हैं। रोजगार की कमी के कारण लोग कमाने के लिए शहर चले जाते हैं। इलाज करने के लिए गांव में डॉक्टर नहीं हैं। सभी ट्रेनों का ठहराव नहीं है।

– रमेश कुमार भंसाली (अजीत गांव- बाडमेर जिला)

विद्युत व्यवस्था नदारद है। बिजली के बगैर विकास नहीं हो सकता। क्षेत्र में बिजली की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। इससे किसावों सहित अन्य लोगों को भी सुविधा होगी।

सुरेशचंद कोठारी (सोजत रोड- पाली जिला)

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारनी होगी

सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने पर काम करना चाहिए। जितनी अच्छी शिक्षा व्यवस्था होगी, उतना ही जागरूक समाज होगा। जितना जागरूक समाज होगा, उतना ही वह अपने स्वास्थ्य और परिवेश के लिए सतर्क होगा।

– नेमीचंद रांका (रायपुर गांव- पाली जिला)

मूलभूत सुविधाओं का अभाव

क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। गांव में सडक़ें बदहाल हैं। बिजली, पानी की समस्या है। स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत अच्छी नहीं है। सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब है, जो मूलभूत समस्याओं का समाधन करेगा उसे ही वोट देंगे।

– राजकुमार महोटा (पीह गांव- नागौर जिला)

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