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चेन्नई

यातायात में ड्रेनेज निर्माण बन रहा रोड़ा

गत माह तक जहां मुम्बई, पुणे, दिल्ली सरीखे शहर भारी बारिश (Heavy Rain) और जल-जमाव से परेशान थे, वहीं बिहार की राजधानी पटना (Patna is Capital of Bihar) में पिछले एक सप्ताह से मूसलाधार बारिश और जल जमाव (Water Crysis) से जनता परेशान है।

चेन्नईOct 06, 2019 / 04:37 pm

Dhannalal Sharma

यातायात में ड्रेनेज निर्माण बन रहा रोड़ा

यातायात में ड्रेनेज निर्माण बन रहा रोड़ा

चेन्नई. देश की आधी आबादी बाढ़ और मूसलाधार बारिश से त्राहिमाम है। गत माह तक जहां मुम्बई, पुणे, दिल्ली सरीखे शहर भारी बारिश और जल-जमाव से परेशान थे, वहीं बिहार की राजधानी पटना में पिछले एक सप्ताह से मूसलाधार बारिश और जल जमाव से जनता परेशान है। इन सभी शहरों में बदतर ड्रेनेज सिस्टम के कारण ही बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हुई है। दिसम्बर २०१५ में चेन्नई महानगर भी बाढ़ से परेशान और पीडि़त था।

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जयललिता ने शुरू की ड्रेनेज व्यवस्था
तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को उस वक्त आई बाढ़ से भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। उस विरोध को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अवाम से वादा किया था कि महानगर में जल निकासी के लिए बेहतर ड्रेनेज व्यवस्था की जाएगी जो किसी भी स्थिति से निबटने के लिए कारगर साबित होगी। दिवंगत अम्मा के सिद्धांतों पर ही पिछले कई वर्षों से ड्रेनेज निर्माण और मरम्मत का काम चल रहा है जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

यातायात में बाधक ड्रेनेज के गड्ढे
भले ड्रेनेज का काम लगातार चल रहा है लेकिन यह वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। कई मार्गों पर ड्रेनेज निर्माण के लिए खुदाई तो कर दी गई लेकिन निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ है। ये डे्रनेज के गड्ढे रात को वाहन चालकों एवं पैदल राहगीरों के लिए किसी भी खतरे से कम नहीं हैं। कई बार वाहन इन गड्ढों में गिर जाते हैं जिससे चालक चोटिल होकर अस्पताल पहुंच जाते हैं। महानगर में पिछले दो माह से हल्की से भारी बारिश हो रही है। उसका तो कोई असर नहीं हुआ लेकिन यदि भारी बारिश हुई तो जल जमाव से जूझने का लोगों में भय व्याप्त है। इस बारे में ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन का दावा है कि इस बार बाढ़ जैसी किसी भी समस्या से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

सेंट्रल स्टेशन के सामने निर्माण कार्य अधूरा
महानगर की सबसे व्यस्त रोड ईवीआर पेरियार सालै पर पूराच्ची तलैवर डॉ. एमजीआर सेंट्रल स्टेशन और मद्रास हाईकोर्ट के बीच कई जगह ड्रेनेज निर्माण कई दिन से चल रहा है लेकिन वह पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है जबकि इस मार्ग पर पैदल यात्रियों की आवाजाही अधिक है। यदि इस मार्ग पर जल जमाव होगा तो राहगीरों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यही हाल कमोबेश हाईकोर्ट बस टर्मिनस से पहले भी है जहां अभी भी ड्रेनेज के लिए खुदाई तो कर दी गई है लेकिन काम शुरू नहीं हो रहा है जबकि यहां से राहगीर हमेशा आवाजाही करते हैं।

पेरम्बूर माधवरम हाई रोड पर भी अटका है कार्य
मूलकडै से पेरम्बूर के बीच ड्रेनेज निर्माण कार्य पिछले एक साल से चल रहा है जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया। इस सड़क पर फुटपाथ के सभी मेनहोल खुले पड़े हैं जो राहगीरों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। अंदरूनी सड़कें और मेनहोल भी बिलकुल जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं जिनसे होकर गुजरना आसान नहीं है। कभी कभी बाइक सवार इस सड़क पर मेनहोल में फंसकर घायल भी हो जाते हैं। माउंट रोड से जुड़ी जनरल पीटर्स रोड पर एलआईसी से लेकर एक्सप्रेस एवेन्यू तक कई जगह ड्रेनेज का काम शुरू तो हुआ लेकिन पूरा नहीं हो पाया है। इस मार्ग पर तो राहगीरों के लिए फुटपाथ कहीं नजर ही नहीं आता। थोड़ी सी बारिश होने पर भी यह रोड पानी से तर हो जाती है।

महानगर निगम का दावा खोखला
पेरम्बूर बैरेक रोड, पूलीयानतोप रोड, पेरम्बूर हाई रोड पर बिन्नी मिल से लेकर रेलवे स्टेशन तक हमेशा जल जमाव होता है भले ही बारिश सामान्य ही क्यों न हो पानी जरूर भरेगा। इसके बावजूद इस रोड पर अभी तक ड्रेनेज निर्माण नहीं हो पाया। ऐसे में ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन का यह दावा गलत है कि जब महानगर में भारी बारिश होगी तो प्रशासन जलजमाव और बाढ़ जैसी संकट से निपट पाएगी।

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