पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण मंत्री के.सी. करुप्पन्नम ने कहा सरकार सात सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है जो इरोड एवं आसपास के जिलों में स्थापित किए जाएंगे। इन पर करीब एक हजार करोड़ की राशि खर्च होगी। इस परियोजना पर केन्द्र 50 फीसदी राशि वहन कर सकती है जबकि राज्य एवं उद्योग 25-25 फीसदी राशि देंगे। सरकार दो सौ करोड़ रुपए का ऋण बिना ब्याज के देगी। हथकरघा, हस्तशिल्प, कपड़ा एवं खादी विभाग के प्रमुख सचिव कुमार जयंत ने कहा कि राज्य सरकार ने खासकर दक्षिणी जिलों जहां अनुकुलता अधिक है वहां क्लस्टर तैयार करने को कहा है।
सीआईआई तमिलनाडु स्टेट काउंसिल के चेयरमैन एस. चन्द्रमोहन ने कहा टेक्सटाइल क्षेत्र में तमिलनाडु देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। मौजूदा समय में प्रदेश को प्रसंस्करण पार्क की जरूरत है।
तिरुपुर एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा षणमुगम ने कहा कपड़ा उद्योग इन दिनों कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। सहयोग एवं संयुक्त प्रयासों से इन्हें दूर किया जा सकता है। वर्ष 2011 में तिरुपुर की कई रंगाई इकाइयों को प्रदूषण के तय मानकों पर खरा न उतरने के चलते बन्द करना पड़ा था। तब वहां का कारोबार 14 हजार करोड़ था। सभी ने यही सोचा था कि अब इस उद्योग का बचना मुश्किल है लेकिन इसमें लगातार सुधार किया गया। हालत यह है कि वर्ष 2017 में टर्नओवर 45 हजार करोड़ तक पहुंच गया। वर्ष 2022 तक इसे एक लाख करोड़ तक पहुंचाने की योजना है। इरोड टेक्साइल मॉल के वाइस चेयरमैन सी. देवराजन ने बताया कि इस प्रदर्शनी में करीब 5500 आगंतुक एवं 4000 से अधिक बिजनेसमैन शामिल हुए।