भक्ति की आराधना अध्यक्ष डा. ज्ञान जैन ने स्वागत भाषण में बताया कि शक्ति नहीं भक्ति की आराधना होनी चाहिए। शक्ति कभी विनाश भी कर सकती है मगर भक्ति नहीं। काव्य पाठ किया
मासिक काव्य गोष्ठी अरुणा मुणोत, ईश्वर करुण, पमिता खींचा, प्रहलाद श्रीमाली, रेखा राय, संगीता जैन, शशिलेन्द्र कुमार गुप्ता, शोभा चौरडिय़ा, शकुन्तला करनानी, रमेश गुप्त नीरद, रतन डालमिया आदि ने भी काव्य पाठ किया। मासिक काव्य गोष्ठी संचालन महासचिव गोविन्द मूंदड़ा एवं संतोष बिसानी ने किया। सचिव विकास सुराणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।