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छतरपुर

video बीमार हुई 108 एंबुलेंस की सेवाएंं, मूकदर्शक बना स्वास्थ्य विभाग

– १०८ एंबुलेंस हुई जर्जर, प्वांट में पहुंचने में लग रहा समय- स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में होने के बाद भी नहीं किया जा रहा कोई सुधार-१५ एंबुलेंसों के भरोसे जिलेभर की आबादी

छतरपुरMar 23, 2019 / 06:50 pm

Unnat Pachauri

बीमार हुई 108 एंबुलेंस की सेवाएंं, मूकदर्शक बना स्वास्थ्य विभाग

बीमार हुई 108 एंबुलेंस की सेवाएंं, मूकदर्शक बना स्वास्थ्य विभाग

उन्नत पचौरी की रिपोर्ट
छतरपुर। जिले में मरीजों और घायलों को शासन द्वारा संजीवनी १०८ एंबुलेंस और बच्चों व गर्भवति महिलाओं के लिए जननी १०८ एंबुलेंस की सुविधा दी गई है। जिसमें मरीजों और महिलाओं को उनके घर से और घटना स्थल से सम्बंधित अस्पताल तक इलाज के लिए भेजा जाता था। शासन द्वारा इस सेवा को 108 एंबुलेंस सेवा का नाम दिया। लेकिन यह 108 एंबुलेंस की सेवाऐं कुछ समय के बाद से लोगों की सही रूप में सेवाऐं नहीं दे पा रही हैं। हालाकि शासन द्वारा इन एंबुलेंसों का संचालन के लिए एक निजी कंपनी को जिम्मेदारी दी गई हैं। लेकिन इसके बाद भी कई वाहन ऐसे हैं तो कंडम हो चुके हैं। फिर भी इन वाहनों से स्वास्थ्य सेवाऐं ली जा रही हैं। इन कंडम हो चुकी एंबुलेंस से कभी भी घटना होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन न तो जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने की जरूरत समझ रहे हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। जिससे इसका खामियाजा सीधा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। खटारा हो चुकी यह एंबुलेंस न तो सही समय पर घटना स्थल पर पहुंच पा रही हैं और न ही मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाने में सक्षम हैं। फिर भी इन वाहनों का रगड़-रगड़ कर चलाया जा रहा है। इनमें से कई वाहन छतिग्रस्त हो चुके हैं जो अब कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। तो वहीं कई जर्जर वाहनों को चलाया जा रहा है।
१५ एंबुलेंस के भरोसे जिले की आबादी, कैसे दें सेवाएं
जिले के अधिकांश देखने और सुनने को मिल रहा है कि घटना होने पर १०८ में कॉल किया था। लेकिन १-२ घंटे होने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। जिससे मरीज की मौत हो गई या फिर लोगों द्वारा निजी वाहनों द्वारा उसे स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। लेकिन जिले में १० सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ३६ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं और जिले में संजीवनी १०८ एंबुलेंस मात्र १५ हैं। ऐसे में जिले की १६ लाख से अधिक की जनसंख्या में स्वास्थ्य सेवाएं देना मुमकिन नहीं है। ऐसे में कम से कम जिले में ५० सं अधिक एंबुलेंसों की आवस्यकता है। जिससे लोगों को सही रूप में शासन की योजना का लाभ मिल सके।
हो चुकी हैं कई घटनाएं :
जिले में चलाई जा रही जर्जर १०८ एंबुलेंसों से गई घटनाऐं भी हो चुकी है। इसके बाद भी विभाग द्वारा इसमें हस्ताक्षेप नहीं किया जा रहा है। जिले के लवकुशनगर स्वास्थ्य केंद्र की एंबुलेंस में बीते करीब डेढ़ वर्ष पहले मरीज को जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में महाराजपुर के पास अचानक आग लग गई थी। हालाकि मरीज और उसके परिजनों को समय से बाहर निकाल लिया जाया गया था। जिससे एक बहुत बडी एक बहुत बडी घटना टल गई थी। वहीं एक 108 एंबुलेंस राजनगर जाते समय खजुराहो और बमीठा के पास पलट गई थी। वहीं करीब एक वर्ष पहले लवकुशनगर सीएचसी में लगी एंबुलेंस महाराजपुर के पास सड़क दुघर्टना का शिकार हो गई थी। इसके बाद भी वही जर्जर एंबुलेंस चलाई जा रही है। वहीं करीब एक माह पहले बकस्वाहा में १०८ एंबुलेंस अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इसके अलावा भी कई घटनाएं इस खस्ताहाल हो चुकीं एंबुलेंसों से हो चुकी हैं।
खराब पड़ी हैं इन स्थानों की एंबुलेंस :
जिले के कई स्थानों की 108 एंबुलेंसें अभी खराब पड़ी हैं जहां पर विभाग द्वारा दूसरी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई हैं। जिले के लवकुशनगर सीएचसी, महाराजपुर, बमीठा, चंदला, हरपालपुर, ईशानगर, गौरिहार, घुवारा सहित कई स्थानों की 108 एंबुलेंसें जर्जर हाल में चलाई जा रही हैं। जो सही समय पर न तो घटना स्थल पर पहुंच पा रही हैं और न ही समय अस्पताल पहुंचा पा रही हैं। इनमें से कुछ शासन द्वारा दी गई थी और कुछ निजी लोगों द्वारा कॉट्रेक्ट में लगाई गई हैं। ऐसे एंबुलेंस न तो समय से अपने निधारित प्वांईट पर पहुंच पा रहीं हैं और न ही मरीजों को समय से अस्पताल तक पहुंचा पा रही हैं।
एक वर्ष में ५१४१७ लोगों का मिली सुविधा :
१०८ एंबुलेंस और जननी एंबुलेंस द्वारा अप्रैल २०१८ से फरवरी २०१९ तब कुल ५१ हजार ४१७ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिली हैं। जिसमें से १०८ एंबुलेंस द्वारा १६ हजार २५८ और जननी एंबुलेंस द्वारा ३५ हजार १५९ लोगों को योजना का लाभ मिला है।
क्या है 108
– 108 तीन अंकों का एक निशुल्क नंबर है। इसका उपयोग चिकित्सा, पुलिस व आग से सम्बंधित आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है।
– 108 सेवा एक नि:शुल्क सेवा है जो 24 घंटे व 365 दिन जनहित के लिए उपलब्ध है।
– 108 नंबर किसी भी मोबाइल फोन या लैंडलाइन से डायल किया जा सकता है।
– 108 सेवा समाज के हर वर्ग के लिए है, इसमें एपीएल और बीपीएल का कोई बंधन नहीं है।
कब डायल करें 108 नंबर :
– दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पडऩे पर।
– तेज पेट दर्द, सांस में तकलीफ होने पर।
– किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर।
– जानवरों के काटने, अचानक बेहोश होने पर।
– जब कोई अपराध हो रहा हो या आग लग गई हो, उस समय फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस की आवश्यकता हो।
– इसके आलावा अन्य किसी प्रकार की इमरजेंसी की स्थिति में।
जिले में संजीवनी 108 एंबुलेंसों की स्थित :
छतरपुर- २
नौगांव- १
हरपालपुर- १
लवकुशनगर- १
खजुराहो- ०
राजनगर- १
बमीठा- १
चंदला- १
महाराजपुर- १
बडामलहरा- १
बकस्वाहा- १
बिजावर- १
घुवारा- १
किशनगढ़- ०
ईशानगर- १
गौरिहार- १
सरबई- ०
बम्होंरी- ०
सटई- ०
गुलगंज- ०
घुवारा- ०
कुल- १५

जिले में जननी 108 एंबुलेंसों की स्थित :
छतरपुर- २
नौगांव- १
हरपालपुर- ०
लवकुशनगर- १
खजुराहो- ०
राजनगर- १
बमीठा- १
चंदला- १
महाराजपुर- ०
बडामलहरा- १
बकस्वाहा- १
बिजावर- १
घुवारा- १
ईशानगर- १
गौरिहार- १
सरबई- १
बम्होंरी- १
सटई- ०
किशनगढ़- १
गुलगंज- १
घुवारा- १
कुल- १८
इनका कहना है :
जिले में जो भी 108 एंबुलेंस जर्जर हो चुकी हैं उनकी जानकारी शासन को भेज दी गई है। जैसे ही नए वाहन मिल जाएंगे। वैसे ही उनका रिप्लेस किया जाएगा।
– डॉ. वीएस वाजपेई सीएमएचओ छतरपुर
इनका कहना है :
कुछ जर्जर वाहनों के स्थान पर नए वाहन आए हैं और अभी जो भी जर्जर हाल में चल रही है। उन्हें जल्द ही बदला जाएगा। सम्भवत: एक महीने में नए वाहन मिल जाएंगे।
– हासिम खान, 108 जिला प्रभारी छतरपुर
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