script23 को अष्टमी व 24 को रोहणी नक्षत्र, दो दिन मनेगी इस बार जन्माष्टमी | Ashtami on 23 and Rohini Nakshatra on 24, Janmashtami will be 2 days | Patrika News
छतरपुर

23 को अष्टमी व 24 को रोहणी नक्षत्र, दो दिन मनेगी इस बार जन्माष्टमी

श्रीकृष्ण का जन्म नक्षत्र और तिथि इस बार अलग-अलग दिनश्रीकृष्ण का मनाएंगे ५२४६वां जन्म उत्सव

छतरपुरAug 20, 2019 / 12:52 pm

Dharmendra Singh

 Janmashtami

Janmashtami

छतरपुर। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार श्री विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल श्री कृष्ण का ५२४६वां जन्म उत्सव मनाया जाना है। लेकिन जन्माष्टमी की तिथि को लेकर असमंजस है, जन्माष्टमी 23 या फिर 24 अगस्त को मनाने को लेकर असमंजस हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। ऐसे में अष्टमी तिथि के हिसाब से देखें तो 23 अगस्त को जन्माष्टमी पड़ रही है। जबकि रोहिणी नक्षत्र को जन्माष्टमी का आधार मानें तो 24 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव है। पंडित गुलाब रावत ने बताया कि, 23 अगस्त को अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र से युक्त योग में जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वही वैष्णव संप्रदाय व साधु संतो की कृष्णाष्टमी 24 अगस्त को उदया तिथि अष्टमी एवं औदयिक रोहिणी नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग में मनाई जाएगी। पंडित श्याम बिहारी चौबे के अनुसार जिस तरह द्वापर युग में अष्टमी तिथि को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे, ठीक उसी तरह इस साल की जन्माष्टमी पर भी रोहिणी नक्षत्र में ये अद्भुत संयोग पड़ रहा है।
व्रत का पारण करने में रखे ध्यान
पंडित एमएल पाठक के अनुसार जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने वालों को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के खत्म होने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए। अगर दोनों का संयोग नहीं हो पा रहा है तो अष्टमी या रोहिणी नक्षत्र उतरने के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं। नक्षत्र या तिथि दोनों में से किसी एक को आधार मानकर ही पूजा अर्चना या व्रत किया जा सकता है।
होगी मनोकामना पूरी
श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, आयु तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर हो वो पूजा करके विशेष लाभ पा सकते हैं। दिन भर घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। वहीं, मंदिरों और घरों में जन्मोत्सव की झांकियां बनाई जाती हैं। श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुदाने अथवा चावल की खीर भोग लगाया जाता है, उसमें मिश्री और तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं।
जन्माष्टमी की तिथि
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 23 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त- 24 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ – 24 अगस्त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से
रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 25 अगस्त 2019 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक

Home / Chhatarpur / 23 को अष्टमी व 24 को रोहणी नक्षत्र, दो दिन मनेगी इस बार जन्माष्टमी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो