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छतरपुर

छतरपुर में एक साल बाद लागू हुआ लोकतंत्र, पंडित रामसहाय तिवारी बने उत्तरदायी शासन के पहले मुख्यमंत्री

उत्तरदायी शासन लागू होने के बाद छतरपुर जिले में बहाल हुआ लोकतंत्र, कुछ महीने बाद बना विन्ध्यप्रदेश

छतरपुरJan 27, 2024 / 07:04 pm

Dharmendra Singh

छतरपुर रियासत काल में दरबार का दृश्य

छतरपुर रियासत काल में दरबार का दृश्य

छतरपुर. 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिल गई, लेकिन शासन देसी रियासतों का ही चलता रहा। छतरपुर में भी आजादी के अगले साल लोकतंत्र की बहाली हुई। तब तक छतरपुर महाराजा भवानी सिंह जू देव की रियासत का ही हिस्सा बना रहा। देश में लोकतंत्र बहाली के लिए 1943 में बनाए गए प्रजामंडल की स्टेट काउंसिल में पंडित रामसहाय को स्टेट प्रतिनिधि के रुप में 24 मई 1947 को शामिल किया गया। आठ महीने काम करने के बाद उन्होंने इस्तीफा देकर पूर्ण उत्तरदायी शासन की मांग रख दी। इसके बाद छतरपुर प्रजामंडल द्वारा आंदोलन चलाया गया। जिसके परिणाम में महाराजा भवानी सिंह जू देव ने पूर्ण उत्तरदायी शासन की स्थापना और मंत्रीमंडल का गठन किया गया। 14 फरवरी 1948 के दिन पंडित रामसहाय तिवारी को मुख्यमंत्री, काशी प्रसाद महतों को शिक्षा मंत्री और शंकर प्रताप सिंह को राजस्व मंत्री बनाया गया। इस तरह से छतरपुर में 1948 लोकतंत्र की बहाली हुई।
छतरपुर रियासत काल में दरबार का दृश्य
1952 में हुआ पहला चुनाव, एक सीट पर चुने गए दो सदस्य
भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही संविधान सभा परिवर्तित होकर लोकसभा के रुप में अस्तित्व में आई। संविधान सभा के सदस्य लोक सभा के सदस्य बना दिए गए। इस तरह पंडित रामसहाय 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव तक लोकसभा सदस्य के रुप में काम करते रहे। 1952 में लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने द्विसदस्यीय निर्वाचन के तहत एक सवर्ण और एक हरिजन को अपना उम्मीदवार बनाया। पंडित रामसहाय व मोतीलाल मालवीय को खजुराहो लोकसभा से चुनाव लड़वाया गया। दोनों ही भारी बहुमत से चुनाव जीतकर 1952 से 1957 तक लोकसभा सदस्य के रुप में कार्य करते रहे। फिर 1957 और 1962 के चुनाव में भी वे जीतकर आए। इसके बाद से आजतक देश में लोकतंात्रिक तरीके से सरकार बनती और चलती आ रही हैं।
इनका कहना है
देश को आजादी मिलने के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरु प्रधानमंत्री और सरदार बल्लभ पटेल गृहमंत्री बने। सरदार पटेल ने 565 स्टेट का विलय भारतीय लोकंतंत्र में कराया। ऐसी ही प्रक्रिया छतरपुर में भी हुई, पहला उत्तरदायी शासन वर्ष 1948 में बना था, पंडित रामसहाय तिवारी मुखिया बनाए गए थे।
दुर्गा प्रसाद आर्य, अध्यक्ष गांधी आश्रम

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