लसगरहा पंचायत में सबसे ज्यादा अवैध कारोबार
लवकुशनगर जनपद के ग्राम पंचायत हथौंहा के अंतर्गत ग्राम पंचायत में संलग्न गांव लसगरहा के नाम से ग्राम पंचायत खदान आवंटित हुई है। यह खदान पंचायत को 2022 तक लिए दी गई है, जिसका खसरा क्रमांक 405 रकवा 12 हेक्टेयर 600 आरे है। लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच केशव कचेर और सचिव आरडी राजपूत ने शासन के जारी दिशा निर्देशोंं का उल्लंघन कर रहे हैं। पंचायत को जिस रकबे की रेत खदान स्वीकृत की वहां पानी भरा हुआ है रेत का खनन करने वालों द्वारा चक हथौंहा से खुलेआम आधा दर्जन एलएनटी को उतारकर खनन किया जा रहा है। पंचायत को जारी ओटीपी से सतना और पन्ना के लिए पिटपास जारी करते है। जबकि निकासी यूपी के कानपुर और लखनऊ के लिए सैकड़ों की तादाद में रोजाना ट्रकों की निकासी की जा रही है। लसगरहा के ग्रामीणों द्वारा इस रेत के अवैध कारोबार का पूर्व के दिनों में विरोध किया गया तो इन रेत माफि याओं द्वारा थाना पुलिस की मदद से ग्रामीणों को खदेड़ा दिया गया था। इस घटना के बाद से यह ग्रामीण इन रेत माफिया से डरे हुए हैं। कुछ ऐसा ही मामला हथौहा से लगी पंचायत बंजारी का है। इस ग्राम पंचायत के सरपंच बाबादीन बसोर सचिव महिपत राजपूत द्वारा पंचायत को रेत खदान अवैध रेत के कारोबारियों के सुपुर्द कर दी गई हैं। यहां शाम ढलते ही खदान पर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोगों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से रात में खदान पर रोजाना हवाई फायरिंग की जाती है। इसके बाद केन नदी में करीब एक दर्जन एलएनटी को उतारकर जमकर रेत का खनन किया जा रहा है। सोमवार को अचानक से खदान पर हुई कार्रवाई से
हड़कंप मचा है।
अवैध खदानें चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। संयुक्त टीम बनाकर लगातार कार्रवाई की जाएगी। लसगरहा खदान से कार्रवाई के दौरान 3 एलएनटी मशीनें जब्त की गई हैं।
देवेश मरकाम, जिला खनिज अधिकारी