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छिंदवाड़ा

Big news: फुटबॉल ग्राउंड उच्चस्तरीय न होने से राष्ट्रीय स्पर्धा की नहीं कर पाए दावेदारी

बालाघाट में हो रही एमपीपीएल प्रतियोगिता

छिंदवाड़ाDec 12, 2023 / 12:29 pm

ashish mishra

Big news: फुटबॉल ग्राउंड उच्चस्तरीय न होने से राष्ट्रीय स्पर्धा की नहीं कर पाए दावेदारी

Big news: फुटबॉल ग्राउंड उच्चस्तरीय न होने से राष्ट्रीय स्पर्धा की नहीं कर पाए दावेदारी

छिंदवाड़ा. उच्च स्तरीय ग्राउंड की कमी के चलते जिला एक बार फिर राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता के आयोजन की दावेदारी पेश नहीं कर सका। ऐसे में हमारे जिले के उभरते खिलाड़ी देश के प्रसिद्ध खिलाडिय़ों का खेल देखने से एक बार फिर वंचित रह गए। दरअसल हर वर्ष मध्यप्रदेश फुटबॉल संघ मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग(एमपीपीएल) का आयोजन करता है। इस प्रतियोगिता में न केवल देश के बल्कि विदेश के भी खिलाड़ी शामिल होते हैं। पिछले वर्ष इस प्रतियोगिता का तीसरा संस्करण आयोजित हुआ था।आयोजन की दावेदारी छिंदवाड़ा ने की थी। दिल्ली से आई टीम ने छिंदवाड़ा ओलम्पिक स्टेडियम का निरीक्षण किया और ग्राउंड उच्चस्तरीय न होने की वजह से रिजेक्ट कर दिया। ऐसे में छिंदवाड़ा फुटबॉल संघ को सिवनी में किराए का ग्राउंड लेकर आयोजन करना पड़ा। इसके लिए काफी रकम देनी पड़ी। उस समय भी यह बात उठी थी कि अगर छिंदवाड़ा में प्रतियोगिता होती तो जिले के उभरते खिलाडिय़ों को देश-विदेश के खिलाडिय़ों का खेल देखने का मौका मिलता। इस बार चौथे संस्करण के लिए छिंदवाड़ा ने दावेदारी नहीं की। इसके पीछे अहम वजह फुटबॉल ग्राउंड ही रहा। जिला फुटबॉल संघ के सचिव विक्रांत यादव ने बताया कि एमपीपीएल प्रतियोगिता में इस बार अपने देश के ही खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। तीन माह पहले तक नियम था कि होम एंड अवे की दर्ज पर मैच खेले जाएंगे। इसमें हर टीम एक मैच अपने जिले में और एक मैच सामने वाले टीम के जिले में खेलती है। हालांकि कुछ दिन बाद एसोसिएशन ने नियम बदल दिया और बालाघाट को मेजबानी दे दी।

ग्राउंड अच्छा न होने से यह समस्या
जिला मुख्यालय में ओलम्पिक स्टेडियम स्थित है। ग्राउंड लगभग तीन साल से खराब है। इसका जीर्णोद्धार न होने से उच्चस्तरीय मैच नहीं हो पा रहे हैं। स्थानीय खिलाड़ी प्रैक्टिस भी नहीं कर पा रहे हैं। ग्राउंड में छोटे-छोटे कंकड़ होने की वजह से आए दिन खिलाड़ी चोटिल भी हो रहे हैं। प्रशासन ध्यान दे तभी समस्या का निदान हो सकता है।

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