चले गए 130 शिक्षक, 21 वन कर्मचारी
सरकारी मौत के आंकड़ों के खेल को समझें तो शिक्षक संघ खुद गांव-शहर की जानकारी एकत्र कर दे चुका है कि उनके विभाग के 130 शिक्षक अकेले कोरोना से मृत हो गए तो वन विभाग के पास 21 कर्मचारियों का रिकॉर्ड है। इसके अलावा सहकारिता में कम से कम नौ कर्मचारी ऐसे बताए गए। फिर नगर निगम समेत अन्य दूसरे विभागों के कर्मचारी भी ले लीजिए तो कम से कम दो सौ कर्मचारी तो सरकारी विभाग के मिल जाएंगे। इनमें से अधिकांश के रिकॉर्ड में भी कोरोना पॉजीटिव नहीं मिलेगा। फिर आम आदमी तो दूर की बात है।
जिन्होंने परिजनों को खोया, वे सामने आकर लड़ें
अप्रैल से मई तक जिले के जिन परिवारों ने अपने परिजनों को खोया और उनके घर परिवार में खाने कमानेवाला कोई नहीं है, वे मुख्यमंत्री की पेंशन योजना के पात्र समझते हैं, उन परिवारों को अपने हक की लड़ाई के लिए आगे आना होगा। जिले के जनप्रतिनिधि खासकर विपक्ष के विधायकों को ये सवाल भी उठाना होगा कि जिनके मृत्युु प्रमाणपत्र में कोरोना पॉजिटिव न हो तो वे कैसे सीएम की इस योजना का लाभ ले सकते हैं। ऐसा ही चलता रहा तो केंद्र सरकार की ऐसे मृतकों के लिए कोई योजना आई तो 114 में से पात्र को ही लाभ होगा।