कोल उत्पादन व खर्च में अंतर भी बड़ी वजह
परियोजना में एक सर्वे के बाद
नागपुर कोल इंडिया की ओर से
आए सर्वेयरों ने इस खदान में
मौजूद कोयले के भंडार को एफ ग्रेड का पाया। इस ग्रेड के कोयले के उत्पादन पर आने वाले खर्च में बड़ा अंतर है। वेकोलि को प्रति टन पर आने वाले खर्च के अनुसार इस
कोयले को लेने वाला कोई
नहीं है। जिस कारण से भी कोल इंडिया इस प्रोजेक्ट को खोलने
के लिए तैयार नही है। प्रतिटन पर
आ रहे खर्चसे कम मूल्य पर
शारदा का कोयला विक्रय होगा जो कोल इंडिया के लिए घाटे का सौदा साबित होगा।
प्रस्तावित खदानें
शारदा खदान
आरक्षित कोयला – 7.54 मिलियन टन
खदान का भविष्य – 28 वर्ष
कोयले का स्तर -एफ ग्रेड (निम्न स्तर)
मानव श्रम (मेन पावर) – 425
भूमि पूजन – 2007 उमा भारती द्वारा
फारेस्ट क्लियरेंस- प्राप्त
ओपनिंग होना बाकी
हर्राडोल
आरक्षित कोयला – 7 लाख टन
खदान का भविष्य – 5 वर्ष
कोयले का स्तर – बी ग्रेड
(कुकिंग कोल व पावर हाउस के
उपयोग का कोयला)
मानव श्रम (मेन पावर) – 300
भूमि पूजन – 2011 कमलनाथ द्वारा (केंद्रीय सडक व परिवहन मंत्री रहते हुए)
फॉरेस्ट क्लीयरेंस- प्राप्त खुलना बाकी
भाखरा
आरक्षित कोयला – 3.3 मिलियन टन
खदान का भविष्य – 13 वर्ष
कोयले का स्तर – बी ग्रेड
(कुकिंग कोल व पावर हाउस के
उपयोग का कोयला)
मानव श्रम(मेन पावर)- 450
भूमिपूजन – 1995 कमलनाथ द्वारा (सांसद रहते हुए)
फॉरेस्ट क्लियरेंस- प्रक्रिया में है।