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छिंदवाड़ा

Politics: इस चुनाव पर टिकी सत्ताधारी दल की नजर

तारीखों पर जल्द निर्णय ले सकती है सरकार

छिंदवाड़ाAug 29, 2019 / 11:30 am

prabha shankar

Cooperative Societies: Now the ruling party's eye on this election

Cooperative Societies: Now the ruling party’s eye on this election

छिंदवाड़ा/ प्रदेश में सरकार के बदलने के बाद जिला स्तर पर सहकारी समितियों और बैंकों में भी अब सत्ताधारी दल की नजर है। भंग पड़ी प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के चुनावों को लेकर चर्चाओं का दौर इस समय चल रहा है। इसके बाद जिला सहकारी बैंकों के चुनाव हो सकेंगे।
गौरतलब है प्रदेश सहित जिले में भी कई समितियों के चुनाव ड्यू हैं। कई भंग हो गई हैं और वहां पर सहकारिता विभाग ने प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। प्रशासक एक निश्चित समय के लिए ही नियुक्त किए जा सकते हैं। ऐसे में अब इन समितियों के चुनाव कराने पर सरकार जल्द निर्णय ले सकती है।

जिले में सवा सौ से ज्यादा प्राथमिक साख समितियां हैं। ध्यान रहे विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान सहकारिता विभाग ने अपने प्रशासक बैठा दिए। अधितकर समितियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है या होने वाला है। पहले विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव के कारण इन क्षेत्रों में चुनाव की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। लोकसभा चुनाव हो जाने के बाद इस पर फिर चर्चा का दौर शुरू हुआ। सत्ताधारी दलों के ग्रामीण क्षेत्र के नेता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा इन चुनावों के जरिए पूरी करना चाहते हैं। अभी तो मतदान सूची बनेगी इसके बाद दावे आपत्ति के बाद अंतिम प्रकाशन और फिर चुनाव की तैयारियां। ऐसे में सितम्बर-अक्टूबर में समितियों के चुनाव कार्यक्रम बनने की सम्भावना नेता बता रहे हैं।

जिला सहकारी बैंक पर टिकी नजर
गौरतलब है जिला सहकारी बैंक में एक दशक से भाजपा का अध्यक्ष रहा है। जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष महत्वपूर्ण रहता है। ऐसे में इसके संचालक मंडल और अध्यक्ष पद के लिए नेता अपना जुगाड़ लगा रहे हैं। कांग्रेस में ग्रामीण क्षेत्र मेंं प्रभावी नेतृत्व कौन कर सकता है इसको लेकर भी चर्चाओं का दौर चल रहा है। दरअसल सहकारिता के क्षेत्र की जानकारी भी इससे जुड़े नेताओं को होनी चाहिए। स्थानीय स्तर पर सहकारिता के क्षेत्र में वरिष्ठ नेता जो जिले में अगुआई कर सके ऐसे कम ही हैं। इसकी अपेक्षा युवा नेतृत्व की संख्या ज्यादा है। ऐसे में देखना होगा कि जिले में सहकारिता में मुख्य जनप्रतिनिधि युवाओं को आगे बढ़ाते हैं या फिर परम्परागत रूप से किसी वरिष्ठ को ही कमान सौंपेते हैं।

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