मुख्यालय पर मौजूद नहीं रहते डॉक्टर – हनोतिया से जारी की गई रैफर पर्ची पर सुबह 9.30 बजे समय लिखा गया था, इसके आधार पर यह स्पष्ट होता है कि शासन द्वारा निर्धारित ओपीडी समय सुबह 9 बजे से डॉक्टर उपस्थित नहीं हो रहे है और न ही मुख्यालय पर मौजूद रहते है, जिसकी वजह से इस तरह के मामले सामने आ रहे है।
भारत में प्रति एक लाख जीवित जन्म देने वाली प्रसूताओं में 130 तथा मध्यप्रदेश में 188 की मौत हो जाती है। वहीं छिंदवाड़ा में यह दर 246 बताई जाती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के तहत अप्रैल से दिसम्बर तक की स्थिति में जिले में 37 प्रसूताओं की मौत हो चुकी हैं, जिसमें सबसे अधिक मौत जुन्नारदेव विकासखंड की दर्ज की गई है। वहीं जिला अस्पताल में जनवरी से दिसम्बर 2019 तक 11 की मौत होना सामने आया है, जिसमें ज्यादातर विभिन्न संस्थाओं से रैफर होकर जिला अस्पताल पहुंची है।
– जांच कराएंगे प्रसूता की मौत होने की फिलहाल मुझे जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी तथा डॉक्टरों की कमी होने से कुछ डॉक्टरों की ड्यूटी पीएचसी तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दोनों में लगाई गई है। इसकी वजह से वे आना-जाना करते है।
– डॉ. आरआर सिंह, बीएमओ जुन्नारदेव