जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में कोविड-19 के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, लेकिन यहां भर्ती होने वाले पॉजिटिव और संदिग्ध दोनों मरीजों के लिए एक ही शौचालय है, जिसका प्रयोग मरीज के साथ-साथ स्टाफ तथा सफाईकर्मी भी करते हंै। ऐसे में उनकी सुरक्षा पर भी सवाल उठता है। स्टाफ नर्सों और सपोर्ट स्टाफ के विरोध करने के बाद शनिवार से पीपीइ किट समेत अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
आइसोलेशन वार्ड में सफाई और वार्ड ब्वाय के काम के लिए करीब दस कर्मियों की नियुक्ति की गई, जिसमें से चार ने कोरोना के डर से नौकरी छोड़ दी। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज में सफाई व्यवस्था देखने वाली आउटसोर्स एजेंसी के अधिकांश कर्मी उपस्थित नहीं होते हैं।
जिला अस्पताल के नियमित तथा ठेका सफाईकर्मियों को अब तक वेतन भुगतान नहीं हुआ है, जबकि शासन के निर्देशानुसार महीने की पहली तारीख को भुगतान होना है। हेल्थ चेकअप कराएंगे
सफाईकर्मियों का हेल्थ चेकअप कराया जाएगा। उन्हें वेतन नहीं मिलने की शिकायत की जांच कराई जाएगी।
– डॉ. पी. कौर गोगिया, सिविल सर्जन