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छिंदवाड़ा

रेलवे को स्टेशन पर यह गलती पड़ सकती है भारी, खोखला है दावा

पुख्ता इंतजाम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है

छिंदवाड़ाMay 22, 2019 / 12:50 pm

ashish mishra

patrika

रेलवे को स्टेशन पर यह गलती पड़ सकती है भारी, खोखला है दावा

छिंदवाड़ा. रेलवे द्वारा यात्रियों को शत-प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इसका उदाहरण छिंदवाड़ा का रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन भले ही मॉडल रेलवे स्टेशन कहां जाता हो, लेकिन मुख्यालय इस स्टेशन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। स्टेशन के अधिकतर हिस्से सीसीटीवी की निगरानी में नहीं है। ऐसे में स्टेशन पर होने वाले अपराध और हादसों पर लगान लगाने में आरपीएफ और जीआरपी के भी पसीने छुट रहे हैं। बीते छह माह में स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर दो युवकों की जान ट्रेन से कटकर चली गई। जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरु की, लेकिन आज तक युवकों ने मौत के वजह का पता नहीं लग सका। जानकारों का मानना है कि अगर मॉडल रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म और जरूरी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो अपराधों पर अंकुश भी लगाना आसान होता और इसका खुलासा करना भी। हैरानी की बात यह है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे कुछ दिन पहले छिंदवाड़ा मॉडल रेलवे स्टेशन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 8 सीसीटीवी कैमरे का दावा भी किया गया था, लेकिन हकीकत में स्टेशन में जो कैमरे लगाए गए हैं वह सफाई को ध्यान में रखकर लगाए गए हैं।
चप्पे-चप्पे पर कैसे हो जवानों की तैनाती
मॉडल रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन सैकड़ों यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए यात्रा करने आते हैं। इन यात्रियों की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आरपीएफ एवं जीआरपी के जवानों के ऊपर रहती है। हालांकि इस जिम्मेदारी को बिना सीसीटीवी कैमरे के मदद से पूरा कर पाना मुश्किल है। स्टेशन पर हर जगह जवान निगरानी नहीं कर सकते। इसके लिए जरूरी है कि सीसीटीवी कैमरा के द्वारा भी स्टेशन पर होने वाले एक-एक गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
सफाई और बुकिंग ऑफिस में ही लगे हैं कैमरे
मॉडल रेलवे स्टेशन पर 8 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। जिसमें दो मुख्य द्वार पर, तीन वेटिंग हॉल में, दो कैमरे बुकिंग ऑफिस में और एक कैमरे प्लेटफॉर्म एक पर लगाया गया है। रेलवे द्वारा इन कैमरे को लगाने के पीछे उद्देश्य सफाई व्यवस्था और बुकिंग ऑफिस की निगरानी करना है। जबकि सुरक्षा के लिए लिहाज से स्टेशन पर एक भी कैमरा नहीं लगाया गया है।
बीते छह माह में प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर हो चुकी है दो मौत
मॉडल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसके पीछे वजह है कि बीते 22 दिसंबर 2018 को स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक प्रौढ़ की और 11 जनवरी 2019 को अमरवाड़ा निवासी 35 वर्षीय अनिल उइके की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। दोनों ही मौत के हत्या या आत्महत्या की गुत्थी आज तक उलझी हुई है।

सीसीटीवी कैमरा लगाए गए
सफाई और बुकिंग ऑफिस की निगरानी के उद्देश्य से ही रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे। हालांकि इससे सुरक्षा की भी निगरानी हो रही है। स्टेशन के विभिन्न जगहों पर भी सीसीटीवी कैमरा होना जरूरी है। इस संबंध में मेरी चर्चा आरपीएफ स्टाफ से हुई थी।
संतोष श्रीवास, स्टेशन प्रबंधक, छिंदवाड़ा
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मुख्यालय से लगभग एक साल पहले डिमांड मांगा गया था। मैंने छिंदवाड़ा मॉडल रेलवे स्टेशन पर लगभग 12 सीसीटीवी कैमरे की जरूरत लिखकर भेजी थी। अभी तक इस पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई इस बारे में उच्च अधिकारी ही बता पाएंगे।
मनीष कुमार, थाना प्रभारी, आरपीएफ, छिंदवाड़ा
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मैंने कई बार उच्च अधिकारियों को सीसीटीवी कैमरा न होने की समस्या से अवगत कराया है। इसके लिए पत्र भी लिखा गया है। सीसीटीवी कैमरा की जरूरत है। इससे हर वक्त स्टेशन पर हो रहे गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है। असर सीसीटीवी होता तो प्लेटफॉर्म पर ट्रेन से कटकर हुए दो मौतों के वजह का भी पता आसानी से चल जाता।
बीआर भगत, थाना प्रभारी, जीआरपी, छिंदवाड़ा
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