छात्र जीवन में ऐसे सपने देखें कि वे सोने ही न दें परिचर्चा में परासिया कॉलेज के अंग्रेजी के प्राध्यापक डॉ. पुरुषोत्तम सनेसर ने कहा कि सिर्फ कोरी बातों से नहीं, हम क्या चाहते हैं ये हमारे कार्यों के परिणामों की खनक से दुनिया को पता लगना चाहिए। अगर दिमाग में घासफूस के बीज डालोगे, तो फसल घासफूस की ही उगेगी। अगर हम योजना बनाने में असफल होते हैं तो असफल होने की ही योजना बनाते हैं। छात्र जीवन में ऐसे सपने देखें कि वे सोने ही न दें। डॉ. उमा पंड्या ने अपने उद्बोधन में छात्रों को अपने विषय का विशेषज्ञ बनने, डॉ. तृप्ति मिश्रा ने अंग्रेजी भाषा के क्रियात्मक आधुनिक रूप को समझने, डॉ जीबी डहेरिया ने भाषा की व्याकरणीय बारीकियों को समझने व प्रो. नीलिमा सोनी ने छात्रों को अंग्रेजी के उच्चारण सम्बंधी सावधानियों से अवगत कराया।