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छिंदवाड़ा

Railway: भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर हुए विद्युतिकरण कार्य अप्रूव

रेलमार्ग एवं विद्युतिकरण कार्यों का निरीक्षण किया था।

छिंदवाड़ाAug 31, 2020 / 02:18 pm

ashish mishra

Railway: भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर हुए विद्युतिकरण कार्य अप्रूव

Railway: भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर हुए विद्युतिकरण कार्य अप्रूव

छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना के अंतिम खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर हुए विद्युतिकरण कार्यों को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी(सीआरएस) ने अप्रूव कर दिया है। गौरतलब है कि 22 अगस्त को कलकत्ता से आए सीआरएस ने भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक बनाए गए रेलमार्ग एवं विद्युतिकरण कार्यों का निरीक्षण किया था। ब्रिज एवं सुरंग के कार्यों की गहन पड़ताल की थी। इसके पश्चात सीआरएस कलकत्ता वापस लौट गए थे। शुक्रवार को सीआरएस ने भंडारकुंड से भिमालगोंदी कुल 18 किमी घाट सेक्शन में हुए रेलमार्ग के कार्यों को अप्रूव करने के बाद पत्र जारी किया। इसके पश्चात सीआरएस ने विद्युतिकरण कार्यों पर भी अंतिम मुहर लगाते हुए सर्टिफाइड कर दिया। गौरतलब है कि गेज कन्वर्जन विभाग एवं रेल विद्युत निगम द्वारा छिंदवाड़ा से इतवारी तक चार खंडों में रेलमार्ग एवं विद्युतिकरण का कार्य किया गया है। इसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड, दूसरा खंड इतवारी से केलोद, तीसरा खंड केलोद से भिमालगोंदी एवं चौथा खंड भिमालगोंदी से भंडारकुंड है। वर्ष 2019 में तीन खंड में रेलमार्ग एवं विद्युतिकरण का कार्य पूरा हो चुका है और सीआरएस के अप्रूवल के बाद विद्युत इंजन से ट्रेन का परिचालन भी किया जा रहा है। अब सीआरएस द्वारा चौथे खंड को अप्रूवल दिए जाने के बाद छिंदवाड़ा से इतवारी तक ट्रेन के परिचालन का रास्ता साफ हो गया है।

चार माह तक केवल दौड़ेगी मालगाड़ी
सीआरएस ने शुक्रवार को कुछ शर्तों के साथ भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग को अप्रूव किया है। सीआरएस ने कहा है कि भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर अधिकतम 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चार माह तक केवल मालगाड़ी का परिचालन किया जाएगा। इसके अलावा कुछ स्थानों पर 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही मालगाड़ी का परिचालन होगा। सीआरएस ने यह भी स्पष्ट किया है कि चार माह बाद गेज कन्वर्जन विभाग के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर(सीएओ) एवं ओपन लाइन के प्रींसिपल चीफ इंजीनियर द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाएगा। दोनों अधिकारी रेलमार्ग की स्थिति को देखकर यह निर्णय ले सकेंगे कि इस पर यात्री ट्रेन चलाई जाए या नहीं। इसके अलावा ब्रिज नंबर-100, 101, 104 को हमेशा निगरानी में रखने को कहा गया है।

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