किसान गोविंद ने खरीफ में टमाटर की फसल का लगभग 8 टन और बाद में 25 टन, रबी में आलू की फसल का लगभग 6 टन और बाद में 18 टन का उत्पादन लिया तथा जायद मौसम में हरी मिर्च की फसल लगी हुई है, जिससे लगभग 60 टन का उत्पादन ले चुके है। इन फसलों से उन्हें 25 से 30 लाख रूपये मिले, जिसमें से लागत आदि का खर्च निकालकर उन्हें 7 से 8 लाख रूपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई है। उन्होंने अपने कच्चे मकान को पक्का कर लिया है और बाइक व ट्रैक्टर भी खरीद लिया है। उनके पास अब नलकूप की सुविधा भी है। उन्होंने जमीन भी खरीदी है और बच्चों की पढ़ाई अच्छी तरह से करवा रहे है। उन्हें बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर से ऋण भी प्राप्त हुआ है, जिसका भुगतान भी उन्होंने कर दिया है। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से उन्हें अत्यंत लाभ हुआ है तथा उनकी फसल की लागत कम हो गई है जिससे वे आर्थिक रूप से समृद्ध हो गए हैं और आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं। वे अन्य किसानों को भी उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं।