अभिभावकों ने शिक्षा अधिकारी से की शिकायत
एक महिला अभिभावक ने बताया कि केजी टू और सेकेंड क्लास की पुस्तकें खरीदी। सोचा था कि बाहर से कम दाम पर मिल जाएंगी, लेकिन दुकानदार ने प्रिंट रेट पर ही पुस्तकों के दाम लिए। बाद में जब जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की तो, उनके कहने पर गए अधिकारी ने पांच प्रतिशत छूट दिलवाकर 165 रुपए वापस करवाए। दूसरे अभिभावकों ने बताया कि बाहर से हम लोग पेट्रोल आदि खर्च करके अलग से एमएलबी पहुंच रहे हैं, लेकिन जब बाहर जैसे ही किताबें देनी थी तो पुस्तक मेले का कोई औचित्य ही नहीं। यहां भी हमारे बच्चों की पुस्तकें एक ही स्टॉल पर मिल रही हैं। परेशानी हुई तो कोई शिकायत की सुनवाई तक नहीं हुई। बाद में मीडिया के पहुंचने के बाद अधिकारियों ने उनसे बातचीत की।
हमें कोई फायदा नहीं मिला
यहां पर भी दुकानदार प्रिंट रेट में किताबें दे रहे हैं। दो कक्षाओं की किताबें 4160 रुपए में खरीदी, लेकिन छूट नहीं दी गई। पूछने पर बताया कि सिर्फ कॉपियों पर छूट दी जा रही हैं । कॉपियां तो अप्रेल में ही दबाव डलवाकर खरीदवा दी गई। पुस्तक मेले में हमें कोई फायदा नहीं मिला। अप्रेल से पहले पुस्तक मेला लगा होता और उस समय छूट दी जाती तो पुस्तक मेला सार्थक हो जाता ।- अंशू
जीएस बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी