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छिंदवाड़ा

यह कैसा पुस्तक मेला: छूट देने का वादा कर अभिभावकों से कर ली मनमानी वसूली

– उद्देश्य निजी स्कूलों एवं पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी को रोकना
…. लेकिन मौके पर अभिभावक से वसूलने लगे प्रिंट रेट से भी ज्यादा
– मनमानी पर हंगामा, शिकायत के बाद मिली छूट
– रियायत नहीं मिलने पर अभिभावकों ने दर्ज कराया विरोध, तब मिली राहत

छिंदवाड़ाMay 12, 2024 / 12:29 pm

prabha shankar

Book fair

छूट न मिलने पर नाराज अभिभावक।

Book fair. निजी स्कूलों एवं पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी को रोकने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से आयोजित पुस्तक मेले में भी दुकानदारों ने मनमानी की। पुस्तक मेले में शामिल कुछ दुकानदारों ने अभिभावकों को प्रिंट रेट यहां तक कि उससे भी अधिक रेट पर पुस्तकें दी। जब अभिभावकों ने इसका विरोध किया तो अधिक दाम लेने वालों ने बाहर प्रिंट की कमी का हवाला दिया, तो प्रिंट रेट पर ही पुस्तकें बेचने वाले दुकानदार ने छूट देने से इनकार कर दिया। बाद में जब अभिभावकों ने मेले के बाहर हंगामा मचाया तो बात जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंची। जिला शिक्षा अधिकारी की दखल के बाद दुकानदारों ने पांच प्रतिशत छूट दी।
उल्लेखनीय है कि पुस्तक एवं यूनिफॉर्म के नाम पर की जा रही मनमानी को रोकने के लिए ही जिला प्रशासन ने शनिवार से तीन दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने इस मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल, छिंदवाड़ा उत्कृष्ट स्कूल प्राचार्य अवधूत काले, सहायक संचालक शिक्षा पीएल मेश्राम, एडीपीसी गिरीश शर्मा, डीपीसी जेके इडपाचे आदि उपस्थित रहे। मेले में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के गणवेश, उनकी पुस्तकें, कॉपियां, पेन, बैग एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किताबें मिल रही हैं।

अभिभावकों ने शिक्षा अधिकारी से की शिकायत

एक महिला अभिभावक ने बताया कि केजी टू और सेकेंड क्लास की पुस्तकें खरीदी। सोचा था कि बाहर से कम दाम पर मिल जाएंगी, लेकिन दुकानदार ने प्रिंट रेट पर ही पुस्तकों के दाम लिए। बाद में जब जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की तो, उनके कहने पर गए अधिकारी ने पांच प्रतिशत छूट दिलवाकर 165 रुपए वापस करवाए। दूसरे अभिभावकों ने बताया कि बाहर से हम लोग पेट्रोल आदि खर्च करके अलग से एमएलबी पहुंच रहे हैं, लेकिन जब बाहर जैसे ही किताबें देनी थी तो पुस्तक मेले का कोई औचित्य ही नहीं। यहां भी हमारे बच्चों की पुस्तकें एक ही स्टॉल पर मिल रही हैं। परेशानी हुई तो कोई शिकायत की सुनवाई तक नहीं हुई। बाद में मीडिया के पहुंचने के बाद अधिकारियों ने उनसे बातचीत की।

हमें कोई फायदा नहीं मिला

यहां पर भी दुकानदार प्रिंट रेट में किताबें दे रहे हैं। दो कक्षाओं की किताबें 4160 रुपए में खरीदी, लेकिन छूट नहीं दी गई। पूछने पर बताया कि सिर्फ कॉपियों पर छूट दी जा रही हैं कॉपियां तो अप्रेल में ही दबाव डलवाकर खरीदवा दी गई। पुस्तक मेले में हमें कोई फायदा नहीं मिला। अप्रेल से पहले पुस्तक मेला लगा होता और उस समय छूट दी जाती तो पुस्तक मेला सार्थक हो जाता ।- अंशू

5 वीं एवं 12 वीं की सीबीएसई की किताबें लेने पहुंचे तो, यहां किताबें नहीं मिली। पूछने पर बताया गया कि ये किताबें दुकानों पर ही मिलेंगी। मुझे यहां से कोई फायदा नहीं हुआ।- संदीप कुमार
अभिभावकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। पहले दिन की समीक्षा करते हुए दुकानदारों को शाम को समझाइश दी गई है। अभिभावकों को पुस्तक मेले से लाभ मिलेगा।
जीएस बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी

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