मंदिर में इस तरह का चमत्कार होने की खबर पूरे जनपद सहित आस पास के इलाकों में फैल गई और देखते ही देखते सुबह होने तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर में दर्शन और दूध को प्रसाद के रूप में पाने के लिए उमड़ पड़ी। हर कोई भगवान कामतानाथ के इस चमत्कार नमस्कार करते हुए उनकी जय जयकार कर रहा था। आस्थावान इसे भगवान का प्रत्यक्ष चमत्कार मान रहे हैं। इस बारे में मंदिर के मुख्य पुजारी भरत शरण ने बताया की भोर में जब उन्होंने मंदिर के कपाट खोले तो भगवान की मूर्ति के मुख से दूध की धारा निकल रही थी। पुजारी ने बताया की इससे पहले इसी मंदिर के पुजारी श्रीकांत जी, जिनका तीन वर्ष पहले 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया, उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 46 वर्ष पहले भगवान की प्राचीन मूर्ति के मुख से दूध की धारा निकलते हुए देखी थी और इस चमत्कार का जिक्र वे अन्य पुजारियों के बीच अक्सर किया करते थे। कामतानाथ भगवान की प्राचीन मूर्ति के मुख से दूध की निकलना ये घटना विज्ञान की नजर में चाहे जो हो, परन्तु आस्थावानों की नजर में ये किसी चमत्कार से कम नहीं। चित्रकूट में ये कोई पहली घटना नहीं हुई है, इससे पहले भी कई पवित्र मंदाकिनी नदी में दूध की धारा निकलने की घटना हो चुकी है। श्रद्धालु भगवान की महिमा की चर्चा करते हुए उनके दर्शन को आतुर दिखे।