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आखिर क्यों छाए हैं विदै विनायक

ganesh chaturthi 2019 : गणेश चतुर्थी पर गजानन के तैयारी में जुटे भक्त

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कोयम्बत्तूर. शहर Coimbatore और आसपास के इलाकों में ganesh chaturthi गणेश चतुर्थी करीब आने के साथ ही विघ्न विनायक के स्वागत की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। शहर के अलग-अलग इलाकों में ganeshotsav गणेश प्रतिमाओं की दुकानें सज चुकी हैं। ganesh puja हालांकि, बाजार पर मंदी का भी असर दिख रहा है। दुकानदारों का कहना है कि 10 फीट से बड़ी मूर्तियों की मांग ज्यादा नहीं है। छोटी मूर्तियों में भी मिट्टी से बनी मूर्तियों की मांग ज्यादा है। पू-मार्केट में 50 रुपए की छोटी मूर्ति से लेकर 16 हजार रुपए की बड़ी मूर्तियां उपलब्ध हैं।

विदै विनायगर की मांग ज्यादा
बाजार में अलग-अलग रंग, डिजाइन और आकार की मूर्ति हैं। सिंहासन के आधार पर भी कई तरह की मूर्तियां उपलब्ध हैं। किसी मूर्ति में शिव भगवान का गेटअप दिया गया है, जिसमें गणेश भगवान हाथ में त्रिशूल लिए हुए हैं। वहीं किसी मूर्ति में मूषक पर सवारी करते दिख रहे हैं तो किसी मूर्ति में गणेश के मस्तक पर अद्र्धचंद है तो किसी मूर्ति में गणेश हाथ में डमरु थामे हैं। इसके साथ ही बाजार में मंगल विनायक, कमल विनायक, बाहुबली गणेश, गौ विनायक, नाग विनायक, विदै विनायक सहित कई तरह की गणपति प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। पिछले साल की तुलना में मूर्तियों के दाम भी बढ़े हैं।

बाजार में विदै विनायक की मूर्ति लोगों को लुभा रही हैं। मिट्टी से बनी यह मूर्ति पूरी तरह eco friendly पर्यावरण हितैषी (ईको-फ्रेंडली) होने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और पेड़ लगाने का संदेश भी देती है। तमिल शब्द विदै का मतलब है बीज। विदै विनायक की मूर्ति दुकानें में 150-200 रुपए के बीच मिल रही है। इस मूर्ति को पूजा के बाद जल में विसर्जित करने की आवश्यकता नहीं है। इस मूर्ति के साथ एक गमला दिया जाता है। पूजा के बाद गमले में पानी भरकर उसमें 'विदै विनायगर' vithai vinayagar मूर्ति को रखा जाता है। गमले के पानी Water के अंदर मूर्ति Ganesh Idol पिघल जाती है और उसमें रखे बीज से कुछ दिनों के बाद एक पौधा उग जाता है।