2011 का एकदिवसीय विश्व कप
2011 में भारत ने दूसरी बार आईसीसी वनडे विश्व कप जीता था। इस टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। इस विश्व कप में युवराज ने कमाल ही कर दिया था। उन्होंने एक शतक और चार अर्धशतक की मदद से 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी लिए थे और टूर्नामेंट में चार बार मैन ऑफ द मैच बने थे। इसके अलावा प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे।
इसके अलावा 2000 में श्रीलंका में हुए तीसरे अंडर-19 विश्व कप टीम के भी अहम सदस्य युवराज सिंह थे। इस टूर्नामेंट के फाइनल में भारत और श्रीलंका की टीम पहुंची थी और भारत ने मोहम्मद कैफ के नेतृत्व में श्रीलंका को हराकर पहली बार अंडर-19 विश्व मैच जीता था। इस टूर्नामेंट में भी युवराज सिंह मैच ऑफ द सीरीज रहे थे।
इतना ही नहीं युवराज सिंह के खाते में एक और विश्व कप है। 1996 में लोम्बार्ड में खेले गए विश्व कप अंडर-15 में भारत की टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर इस खिताब पर कब्जा जमाया था। इस टीम के कप्तान आलराउंडर रितेंदर सिंह सोढ़ी थे। इस टूर्नामेंट में भी युवराज सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया था और मैन ऑफ द सीरीज के खिताब पर कब्जा जमाया था।
युवराज का अंतरराष्ट्रीय करियर
चंडीगढ़ में साल 1981 में जन्में युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने तीन शतकों और 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1900 रन बनाए और नौ विकेट लिए, जबकि वनडे में उन्होंने 14 शतकों और 52 अर्धशतकों की मदद से 8701 बनाने के अलावा 111 विकेट भी लिए हैं। वहीं टी-20 मैचों में 1177 रन बनाने के साथ 28 विकेट लिए हैं।