प्रसाद ने कहा कि ट्रेनिंग से बेहतर है आइपीएल
एक मीडिया समूह के पैनल डिस्कशन में टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता ने कहा कि आइपीएल को लेकर उनका विचार यह है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है और इसमें प्लेयर्स को काफी दबाव भरी स्थितियों में निखरन के मौके मिलते हैं। सिर्फ ठने और ट्रेनिंग करने से बेहतर है कि प्लेयर दबाव भरे हालात में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण करे। आइपीएल वह कड़ी प्रतिद्वंदिता वाला माहौल उपलब्ध कराता है।
आइपीएल खेलकर चैम्पियंस ट्रॉफी में गए तो किया अच्छा प्रदर्शन
मुख्य चयनकर्ता ने अपने पक्ष में यह तर्क दिया कि अगर आप 2013 और 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी को देखें तो पाएंगे कि वहां टीम इंडिया ने अच्छा प्रदर्शन किया था, क्योंकि हम आइपीएल खेलकर गए थे। इसलिए उन्हें लगता है कि आइपीएल हमारे खिलाड़ियों की इतनी मदद करेगा, जितनी कोई सामान्य द्विपक्षीय सीरीज नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि इस फॉर्मेट में गेंदबाजों के लिए सिर्फ 4 ओवर ही हैं, लेकिन जरूरी यह है कि वह इस दौरान अपने आपको किस तरह फिट रखते हैं।
कोहली अपने गेंदबाजों को लेकर जता चुके हैं चिंता
बता दें कि विश्व कप की तैयारियों के मद्देनजर विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट काफी समय से चिंता जता रहा है कि आइपीएल का फॉर्मेट काफी लंबा है और यह करीब 40 से 50 दिन तक चलता है। इस दौरान प्लेयर्स चोटिल हो सकते हैं, खासकर तेज गेंदबाज। इस बारे में उन्होंने बीसीसीआइ से बात भी की थी कि ऐसी व्यवस्था की जाए, ताकि आइपीएल के दौरान उन्हें आराम मिल सके। मुख्य चयनकर्ता ने भी यह बयान दिया था कि बीसीसीआइ इस बारे में फ्रेंचाइजी टीमों से बात कर रहा है।