ऐतिहासिक मैच का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं रहाणे
टीम इंडिया के टेस्ट उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि वह इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि एक बल्लेबाज के तौर पर उन्हें लगता है कि दिन की रोशनी में खेला जाने वाला पहले और दूसरे सत्र में बल्लेबाजी करना आसान है, लेकिन तीसरे सत्र में दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करना मुश्किल है। इस समय गेंद देर से स्विंग ले रही होती है। इस मय खेलना बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण है।
पहले सत्र में गेंद अच्छे से आती है बल्ले पर
अजिंक्य रहाणे ने कहा किक असली चुनौती शाम के समय आती है। पहले सत्र में गेंद अच्छे से बल्ले पर आती है। इस समय गेंद में ज्यादा मूवमेंट नहीं होती। ओस पड़ने के बाद पिच के मिजाज में बदलाव होता है। इसलिए रणनीति में बदलाव करना पड़ता है। इससे पार पाने के लिए पहले सत्र में सकारात्मक क्रिकेट खेलनी होती है।