विश्वामित्र ने उज्बेक मुक्केबाज सटीक मुक्के मारे
भारतीय मुक्केबाज ने इस रोमांचक मैच में उज्बेक मुक्केबाज के खिलाफ प्रभावी रक्षात्मक तकनीक और सुंदर फुटवर्क दिखाया, जिसमें दोनों मुक्केबाजों ने कुछ भारी वार किए। हालांकि, विश्वामित्र ने पूरे मैच में अपने आप को संयमित रखा और मैच के साथ-साथ स्वर्ण पदक जीतने के लिए कुछ सटीक मुक्के मारे। इस बीच, विश्वनाथ सुरेश कजाकिस्तान के मौजूदा युवा विश्व चैंपियन संजर ताशकेनबे के खिलाफ हार गए और 48 किग्रा भार वर्ग में 0-5 के अंतर से हार के बाद रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया।
विशाल ने अकमातोव संजर के खिलाफ दिखाया शानदार खेल
80 किग्रा के फाइनल में खेलते हुए, विशाल ने किर्गिस्तान के अकमातोव संजर के खिलाफ भी शानदार प्रदर्शन किया। विशाल पूरे मैच के दौरान अच्छे लय में दिखे। उन्होंने आक्रामक मनोदशा के साथ शुरुआत की और अपने प्रतिद्वंद्वी को के खिलाफ 5-0 के अंतर से आसान जीत हासिल करने और भारत को युवा स्पर्धा में अपना दूसरा स्वर्ण दिलाने से पहले स्कोर करने का कोई मौका नहीं दिया।
विश्वनाथ और वंशज ने जीते रजत पदक
इस बीच, विश्वनाथ (48 किग्रा) और वंशज (64 किग्रा) को अपने-अपने मजबूत विरोधियों के खिलाफ एकतरफा हार का सामना करना पड़ा। विश्वनाथ युवा विश्व चैंपियन कजाकिस्तान के संजार ताशकेनबे के खिलाफ हार गए, जबकि वंशज युवा विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कजाकिस्तान के यर्नूर सुयुनबे से हार गए। दूसरी ओर, जयदीप आरएससी के फैसले से उज्बेक बॉक्सर अब्दुल्लाव अलोखोन के खिलाफ अपना मुकाबला हार गए।
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पांच मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में पहुंचकर जीता कांस्य
एक महिला सहित पांच भारतीय मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में पहुंचकर युवा वर्ग में कांस्य पदक जीता है। पुरुषों में, दक्ष (67 किग्रा), दीपक (75 किग्रा), अभिमन्यु (92 किग्रा) और अमन सिंह बिष्ट (प्लस 92 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया, जबकि लशु यादव (70 किग्रा) ने महिला वर्ग में कांस्य पदक जीता। इससे पहले, रविवार को, भारत के जूनियर मुक्केबाजों ने इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में अपने अभियान का समापन करते हुए आठ स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीते। भारत ने उज्बेकिस्तान (22 पदक) और कजाकिस्तान (25 पदक) के बाद समग्र जूनियर चैंपियनशिप टीम रैंकिंग में तीसरा स्थान हासिल किया।