2016 में पॉक्सो एक्ट के सिर्फ 3 प्रतिशत मामलों का हुआ निपटारा
दरअसल, एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में बलात्कार के 64,138 मामले ऐसे थे जो पॉक्सो एक्ट के तहत कोर्ट में सुनवाई के लिए आए। इन मामलों में आईपीसी की धारा 376 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से सिर्फ तीन प्रतिशत मामलों का ही निपटारा हो सका है। सिर्फ 1869 मामले ही ऐसे थे, जो पूर्ण विश्वास के साथ समाप्त हो सके।
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94 प्रतिशत मामलों में परिचित ही निकले अपराधीइसके अलावा चौंकाने वाली बात ये भी है कि महिलाओं या फिर बच्चों के साथ दुष्कर्म के 94 प्रतिशत मामलों में अपराधी पीड़िता के जानकार या फिर परिवार का ही कोई सदस्य था। 36,657 मामलों में से 34,650 केस ऐसे थे, जिनमें अपराधी कोई पड़ोसी, या फिर कोई परिचित ही था।
पॉक्सो एक्ट के नए प्रावधान पर निर्भया के पिता ने जाहिर की नाराजगी, दिया ये बयान एनसीआरबी की रिपोर्ट के कुछ आंकड़ेकहा जा रहा है कि इसी वास्तविकता दो देखते हुए एक्सपर्ट ने रेप के मामलों में मौत की सजा के प्रावधान को लेकर खूब बहस हुई है।
– NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के कुल 26818 मामले दर्ज हुए थे। जबकि 2015 में ये बढ़कर 31126 और साल 2016 महिलाओं के खिलाफ अपराधों के कुल 31388 मामले दर्ज हुये, जो बेहद चौंकाने वाले हैं।
– वहीं, अगर राज्य में रेप जैसी घटनाओं की बात की जाए तो 2014 में जहां राज्य में महिलाओं से रेप के 3438 मामले दर्ज हुए, वहीं 2015 में बढ़कर 4144 और साल 2016 में राज्य में महिलाओं से रेप के कुल 4189 मामले दर्ज हुए।