ऐसे अमीरों को फंसाती थी हसीनाएं
गिरोह के सदस्य राजधानी के अमीर लोगों पर नजर रखते थे। वो संबंधित लोगों की जानकारी गिरोह की महिला साथियों को देते थे। ये महिला साथी सोशल मीडिया खास तौर पर फेसबुक (Facebook) के जरिए इन रईसजादों से दोस्ती करती थीं।
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यहां से शुरू होता असली खेल
जब ये महिलाएं अमीरों को जाल में फंसाकर किराए के फ्लैट पर बुलाती तब वहां इन्हीं के गिरोह के कुछ लोग नकली पुलिस बनकर वहां पहुंच जाते। छापेमारी का नाटक कर अमीरों को डराया जाता। फिर छोड़ने के बहाने इनसे बड़ी रकम वसूल की जाती और फिर फरारा हो जाते।
ऐसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश
दरअसल 1 मई को पश्चिम विहार ईस्ट थाने में अनिल कुमार की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई। उन्होंने बताया कि “हनी ट्रैप” गिरोह के सदस्यों ने उनसे डेढ़ लाख रुपए ऐंठ हैं।
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया। स्पेशल स्टाफ जाल बिछाकर कर सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
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