नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कहा है कि कानपुर के पास रविवार तड़के इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटना में मारे गए अधिकतर लोगों के शव ऐसी अवस्था में हैं कि उनकी शिनाख्त करना लगभग नामुमकिन है। एनडीआरएफ के प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया, पटना-इंदौर एक्सप्रेस के डिब्बों से बाहर निकाले गए अधिकतर शव क्षत-विक्षत हो गए हैं। उनकी पहचान मुमकिन नहीं है।
कुमार ने कहा, बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ के पांच दलों की तैनाती की गई है। अब तक 53 यात्रियों को बचाया गया है जिनमें से 16 बुरी तरह से घायल हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के बचावकर्मी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से डिब्बों को काटकर फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाल रहे हैं।
कानपुर रेल दुर्घटना में साजिश संभव, घटना की जांच हो : जोशी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने रविवार को कानुपर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच का आग्रह किया है। उन्होंने इस घटना के पीछे साजिश का अंदेशा जताया है।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं कानपुर से सांसद जोशी ने कहा, रेल मंत्रालय को जल्द से जल्द इस मामले की जांच करनी चाहिए कि क्या ट्रैक टूटा हुआ था या यह केंद्र सरकार के खिलाफ एक साजिश है?
अधिकारियों ने कहा कि रविवार तड़के 3.10 बजे कानुपर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुरखायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। दुर्घटना के समय यात्री सो रहे थे। सबसे पहले रेलगाड़ी के एस-1 और एस-2 डिब्बे पटरी से उतरे जिससे सर्वाधिक नुकसान हुआ और उसके बाद 12 अन्य डिब्बे भी पटरी से उतर गए।
अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षाकर्मी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों से घायलों और शवों को बाहर निकालने के लिए डिब्बों को काट रही हैं। घटना के घंटेभर के भीतर पड़ोस के गांव के हजारों लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और घायलों की मदद में जुट गए। इस घटना में 100 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोग घायल हैं।
Home / Crime / कानपुर ट्रेन हादसा : अधिकांश शवों की नहीं हो पा रही शिनाख्त