शिवराज के मंत्रिमंडल में ग्वालियर चंबल संभाग से बनाए नौ मंत्री, सिंधिया के प्रति है ऐसी निष्ठा
45 वर्षीय इमरती देवी सुमन का जन्म 1075 में हुआ था। इन्हें राजनीति का करीब 15 साल का अच्छा खासा अनुभव है। उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम 1905 में रखा और जिला पंचायत ग्वालियर की सदस्य चुनी गई। इससे पहले वे कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में काम करती रही। वे 2018 में वह तीसरी बार डबरा से विधायक चुनी गईं। इससे पहले वे साल 2008,2013 में विधायक चुनी गईं थी पर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने से वे मंत्री नहीं बन सकी। 2018 के चुनाव में तो उन्होंने रेकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराई थी।
45 वर्षीय इमरती देवी सुमन का जन्म 1075 में हुआ था। इन्हें राजनीति का करीब 15 साल का अच्छा खासा अनुभव है। उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम 1905 में रखा और जिला पंचायत ग्वालियर की सदस्य चुनी गई। इससे पहले वे कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में काम करती रही। वे 2018 में वह तीसरी बार डबरा से विधायक चुनी गईं। इससे पहले वे साल 2008,2013 में विधायक चुनी गईं थी पर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने से वे मंत्री नहीं बन सकी। 2018 के चुनाव में तो उन्होंने रेकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराई थी।
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वे कांग्रेस से चुनाव लड़ी और भाजपा के कप्तान सिंह सहकारी को 57446 मतों से पराजित किया। अच्छी खासी जीत का इनाम भी उन्हें मिला और कमलाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास कैबिनेट मंत्री बनाई गईं। ठेट देहाती भाषा और खराखरा बोलने वाली इमरती देवी सहज और सरज स्वभाव की हैं। जनता के बीच सीधा संवाद रखती हैं इसलिए जनता में उनकी अच्छी खासी पकड़ है।
वे कांग्रेस से चुनाव लड़ी और भाजपा के कप्तान सिंह सहकारी को 57446 मतों से पराजित किया। अच्छी खासी जीत का इनाम भी उन्हें मिला और कमलाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास कैबिनेट मंत्री बनाई गईं। ठेट देहाती भाषा और खराखरा बोलने वाली इमरती देवी सहज और सरज स्वभाव की हैं। जनता के बीच सीधा संवाद रखती हैं इसलिए जनता में उनकी अच्छी खासी पकड़ है।