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दमोह

कभी नहीं घटता कुओं का जल स्तर, लेकिन देखरेख के अभाव में बन गए कूड़ादान

जिन सार्वजनिक कुओं का नपा नहीं दे रही ध्यान, यह जलापूर्ति में निभा सकते हैं महत्तवपूर्ण भूमिका

दमोहFeb 12, 2020 / 07:16 pm

pushpendra tiwari

कभी नहीं घटता कुओं का जल स्तर, लेकिन देखरेख के अभाव में बन गए कूड़ादान

सार्वजनिक कुएं

दमोह. शहर की जलापूर्ति राजनगर जलाशय से होती है। लेकिन नपा द्वारा नियमित पानी सप्लाई नहीं करने की वजह से एक से दो दिन के अंतराल से सप्लाई होती है और वह भी 15 से 20 मिनट के लिए ही। ऐसे में लोग अपने दैनिक खर्चा के हिसाब से पानी जमा नहीं कर पाते हैं और उन्हें पीने के पानी के अलावा दीगर खर्चों के लिए पानी यहां वहां से ढोना पड़ता है। ठंड और बारिश में तो स्थिति सामान्य रहती है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही लोगों के सामने जल संकट एक मुख्य समस्या बन जाती है। वार्डों के हैंडपंप जल स्तर गिरने की वजह से दम तोड़ देते हैं और लोगों को मजबूरन फिल्टर प्लांट अथवा लोगों के निजी कुओं पर जाना पड़ता है।
इस समस्या से शहर में स्थित कुछ सार्वजनिक कुएं काफी हद तक लोगों को निजात दे सकते हैं। लेकिन इन कुओं का पानी कुओं में व्याप्त गंदगी की वजह से किसी भी प्रकार के उपयोग का नहीं है। लिहाजा जिन कुओं का खासी गर्मी के दिनों में भी जल स्तर नहीं घटता है, वह कुएं देखरेख के अभाव में अपनी पहचान खोते जा रहे हैं और लोगों की समस्या निपटारे में अपनी कोई भूमिका नहीं निभा पा रहे हैं।
यहां स्थित हैं यह प्रमुख कुएं
शहर के नगरपालिका टाऊन हॉल के समीप बारहद्वारी कुआं, पुराने पुलिस कंट्रोल रूम के समीप जबलपुर नाका मार्ग पर, जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय परिसर में, लोको वार्ड के करीब तीन कुएं, फिल्टर प्लांट के समीप पुलिस लाइन में, श्रीवास्तव कॉलोनी में, चंदन की तलैया, कलेक्टर बंगला से सटकर, जेल तिराहा, कलेक्ट्रेट परिसर में, उत्कृष्ट स्कूल के पीछे, मछरया कुआं, गार्ड लाइन स्थित बड़ा कुआं, श्रीराम मंदिर कुआं, बर्तन बाजार सहित अन्य स्थानों पर सार्वजनिक कुएं हैं, जो शहरवासियों की जलापूर्ति करने के लिए उपयोगी बनाए जा सकते हैं।
न हुई सफाई और न घटा जल स्तर
जिन सार्वजनिक कुओं का उल्लेख किया गया है। इन कुओं की प्रमुख खासियत यह है कि इनका जल स्तर कभी नहीं घटता है। बताया जाता है कि हाल ही के एक दसक पहले तक यह कुएं जलापूर्ति में अपनी भूमिका निभाते थे। लेकिन नपा द्वारा कुओं की देखरेख की ओर ध्यान नहीं दिया। लिहाजा दिनोंदिन कुओं की हालत जर्जर होती चली गई। साथ ही लोगों ने अपनी दुकानों, मकानों का कचरा फेंकना शुरू कर दिया। आज स्थिति यह है कुओं का नीला पानी व गंदगी ही नजर आ रही है।
कलेक्टर ने किया था निरीक्षण
शहर के कुछ प्रमुख कुओं का निरीक्षण कलेक्टर द्वारा भी किया जा चुका है। हाल ही के कुछ समय पहले कलेक्टर जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय निरीक्षण को पहुंचे थे। उन्होंने परिसर के कुएं को देखा और इसकी स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए थे। लेकिन निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसी तरह अन्य कुओं को भी नपा प्रशासन द्वारा नजर अंदाज कर दिया गया। खास बात यह है कि गर्मी आते ही नपा द्वारा कुओं की याद आती है और हर साल कुओं के जीर्णोद्धार के लिए फाइल तैयार होती है। लेकिन फाइल बनते बनते गर्मी का मौसम निकल जाता है और मामला ठंडा पड़ जाता है। इस साल भी यही स्थिति है। वर्ष २०१९ में नपा द्वारा कुछ कुओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया था, लेकिन कुओं का जीर्णोद्धार नहीं किया गया।
वर्जन
शहर के जो प्रमुख सार्वजनिक कुएं हैं, इनकी सफाई व अन्य सुधार कार्य इस गर्मी के सीजन में कराया जाएगा।
कपिल खरे, सीएमओ दमोह

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