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उपचार के लिए ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में हुई मा-बेटे की मौत
घटना की जानकारी देते हुए आशा कार्यकर्ता कल्लो बाई विश्वकर्मा ने बताया कि, पाड़ाझिर निवासी सुखरानी अहिरवार ने शनिवार को अपने 16वें बच्चे को जन्म दिया था। प्रसव के दौरान गंभीर हालत हो जाने के चलते परिजन ने उसे और उसके नवजात बच्चे को तत्काल हटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का फैसला लिया, लेकिन रास्ते में ही मां-बेटा दोनों की मौत हो गई।
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15 बच्चों में से अब सिर्फ 8 जीवित
आशा कार्यकर्ता कल्लो बाई विश्वकर्मा के मुताबिक, मतका सुखरानी अहिरवार सोलहवीं बार मां बनी थी। महिला की पहले ही 15 संताने हो चुकी थीं। लेकिन, मौजूदा समय में 4 लड़के और 4 लड़कियां ही जीवित हैं, जबकि 7 बच्चों की पहले ही मौत हो चुकी है।
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CMO ने दिये जांच के आदेश
मामला संज्ञान में आने के बाद दमोह जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने कहा कि, शासन द्वारा चलाई जा रही इतनी योजनाओं के बाद भी अब तक महिला का परिवार नियोजन नहीं हुआ था, जो जांच का विषय है। डॉ. त्रिवेदी ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं। साथ ही कहा है कि, जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।